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Showing posts from June, 2025

6.4.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-4, “हार की जीत Class-6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 4, Haar ki Jeet

  6.4.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय-4,   “हार की जीत (सुदर्शन) Class-6, NCERT Hindi Malhaar   Lesson- 4, Haar ki Jeet --------------------------      मुख्य पात्र -  बाबा भारती, सुलतान (घोड़ा),  गड्गसिंह(डाकू)।  --------------------------                                 शब्दार्थ :      1. फकीर – जो संसार का त्याग करके ईश्वर भक्ति में लीन हो गया हो।  2. घमंड – अहंकार, अपने ऊपर अत्यधिक गर्व। 3. दया – करुणा, दूसरों की पीड़ा देखकर सहानुभूति करना। 4. चोरी – बिना अनुमति के किसी की वस्तु ले लेना। 5. निवेदन – प्रार्थना करना, विनम्र अनुरोध। 6. संतोष – तृप्ति, जो मिल गया उसी में प्रसन्न रहना। 7. प्रभावित – प्रभावित होना, असर में आना। 8. उठाना (घोड़ा उठाना) – चुराना, जबरन ले जाना। 9. क्षमा – माफ कर देना, अपराध को क्षमा करना। 10. परिवर्तन – बदलाव, किसी बात में परिवर्तन होना। --------------------------  📝 प...

विद्यालय प्रार्थना हिंदी VIDYALAYA PRAYER SONG (Hindi)

              विद्यालय प्रार्थना हिंदी           VIDYALAYA PRAYER SONG (Hindi)  (1)          ॐ असतो मा सद्गमय ।               तमसो मा ज्योतिर्गमय ।               मृत्योर्मा अमृतं गमय ।।          सरलार्थ-    हे प्रभो!  हमें असत्य से सत्य की ओर ले जाएं।  अज्ञान रूपी अंधकार से, ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाएं। मृत्यु के भय से, अमरत्व के ज्ञान की ओर ले जाएं। दया कर दान विद्या का, हमें परमात्मा देना, दया करना हमारी आत्मा में, शुद्धता देना। हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ, अँधेरे दिल में आकर के, प्रभु ज्योति जगा देना। बहा दो ज्ञान की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर, हमें आपस में मिल-जुल के, प्रभु रहना सीखा देना। हमारा धर्म हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा, सदा ईमान हो सेवा, व सेवक जन बना देना। वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना, वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभु हमको सीखा देना।...

7.3.2 कक्षा- 7, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय 3 फूल और कांटा Class -7, NCERT Hindi Malhaar Chapter 3 Phool Aur Kaanta

  7.3.2 कक्षा- 7,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय 3 फूल और कांटा  Class -7, NCERT Hindi Malhaar   Chapter 3 Phool Aur Kaanta                             --- शब्दार्थ ---  क्रम शब्द अर्थ 1 फूल- कोमल, सुगंधित, प्रिय वस्तु, सौंदर्य और विनम्रता का प्रतीक 2 काँटा- नुकीला, चुभने वाला, कठोर स्वभाव का प्रतीक 3 चाँदनी- चंद्रमा की रोशनी, सौम्यता और शांति का प्रतीक 4 मेह- वर्षा, बारिश 5 ढंग- तरीका, स्वरूप, शैली 6 बड़प्पन- महानता, श्रेष्ठता, अच्छे गुण 7 कुल- वंश, परिवार, जाति 8 खटकता- चुभता है, असहज करता है, बुरा लगता है 9 सोहता- शोभा देता है, सुंदर प्रतीत होता है 10 शीश- सिर, मस्तक, सम्मान का स्थान     प्रश्नों के उत्तर   ---  📘  मेरी समझ से (क) सटीक उत्तर चुनिए: 1. **“कविता में काँटे के बारे में कौन-सा वाक्य सत्य है?”** उत्तर: काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है ★   2. **“फूल और काँटे में समानताओं और विभिन्नताओं का किस वाक्य...

पत्र लेखन / letter writing समय का महत्व बताते हुए अपने छोटे भाई को अनौपचारिक पत्र लिखिए

 पत्र लेखन  / letter writing  समय का महत्व बताते हुए अपने छोटे भाई को अनौपचारिक पत्र लिखिए ✉️  ----------------------  प्रिय छोटे भाई (विवेक), सप्रेम नमस्कार।  आशा करता हूँ कि तुम स्वस्थ और प्रसन्नचित्त होगे। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुम पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी रुचि ले रहे हो। आज मैं तुम्हें एक बहुत महत्वपूर्ण बात  कहना चाहता हूँ- वह है समय का महत्व।  बचपन से ही यदि हम समय का मूल्य समझ लें, तो जीवन में कभी पछताना नहीं पड़ेगा। समय किसी का इंतजार नहीं करता। यदि हम समय पर पढ़ाई करें, खेलें, और हर कार्य एक निश्चित दिनचर्या में करें, तो जीवन अनुशासित और सफल बनता है। तुम्हें चाहिए कि हर दिन एक समय-सारणी बनाकर अपने सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की आदत डालो। मोबाइल और टीवी का अधिक उपयोग समय की बर्बादी है, इससे बचो। जो विद्यार्थी समय का सदुपयोग करते हैं, वही भविष्य में डॉक्टर, शिक्षक, वैज्ञानिक और नेता बनते हैं।  "समय ही जीवन है," इस बात को हमेशा याद रखना। मैं आशा करता हूँ कि तुम मेरी बातों पर अमल करोगे और एक अनुशासित छात्र बनोगे। ...

अनुच्छेद – "परिश्रम का महत्व" Anuched

 अनुच्छेद – "परिश्रम का महत्व"  Anuched  ---   परिश्रम का महत्व परिश्रम का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। यह सफलता की सीढ़ी है। जो व्यक्ति परिश्रम करता है, वह चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अपने लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करता है। बिना परिश्रम के न तो विद्या प्राप्त होती है, न ही सम्मान और न ही समृद्धि। प्रकृति भी हमें परिश्रम का संदेश देती है। सूरज प्रतिदिन उगता है, पेड़-पौधे लगातार फल-फूल देते हैं, नदियाँ बहती रहती हैं—ये सभी परिश्रम के प्रतीक हैं। विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का विशेष महत्त्व होता है। जो छात्र लगन और मेहनत से पढ़ाई करते हैं, वे ही अच्छे अंक लाते हैं और जीवन में सफल होते हैं। परिश्रमी व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है और समाज में उसका स्थान ऊँचा होता है। उसकी मेहनत दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनती है। सच ही कहा गया है — "परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।" इसलिए हमें सदा ईमानदारी और उत्साह से परिश्रम करना चाहिए, क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी हारता नहीं। ---

अनुच्छेद “अनुशासन का महत्व” पर अनुच्छेद लेखन Anuched

  “अनुशासन का महत्व” पर अनुच्छेद  लेखन  Anuched  ---  📘 अनुशासन का महत्व अनुशासन का अर्थ है—नियमों का पालन करना और सही समय पर सही कार्य करना। यह एक ऐसा गुण है जो हमें जीवन में सफल और श्रेष्ठ बनाता है। अनुशासन से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष स्थान होता है। जो छात्र अनुशासित होते हैं, वे समय पर पढ़ाई करते हैं, विद्यालय के नियमों का पालन करते हैं और शिक्षकों का सम्मान करते हैं। इससे न केवल वे अच्छे अंक प्राप्त करते हैं, बल्कि अच्छे नागरिक भी बनते हैं। अनुशासन हमें आत्म-नियंत्रण सिखाता है। यह जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना धैर्य और समझदारी से करने की शक्ति देता है। एक अनुशासित व्यक्ति ही समाज और देश की प्रगति में योगदान दे सकता है। इसलिए हमें सदैव अनुशासन का पालन करना चाहिए, क्योंकि अनुशासन के बिना जीवन, एक बिना दिशा की नाव के समान है। ---

अनुच्छेद: समय का महत्व" Anuched

 अनुच्छेद: समय का महत्व"  Anuched  --- 🕰️ समय का महत्व  समय बहुत कीमती होता है। यह न तो किसी का इंतज़ार करता है और न ही रुकता है। जो छात्र समय का सही उपयोग करते हैं, वे जीवन में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं। समय को यूँ ही नष्ट करना जीवन को व्यर्थ करना है। समय एक बहुमूल्य धन के समान है। एक बार गया हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता। इसीलिए हमें हर कार्य समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए। जो विद्यार्थी समय पर पढ़ाई करते हैं, वही अच्छे अंक प्राप्त करते हैं। समय का सम्मान करना अनुशासित जीवन की ओर पहला कदम है। यदि हम हर कार्य के लिए समय निर्धारित करें और उस पर अमल करें, तो जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। इसलिए हमें हमेशा याद रखना चाहिए –  "समय ही जीवन है।" समय का सदुपयोग करना सफलता की कुंजी है। ---

संवाद लेखन Samvaad Lekhan पिता और पुत्र के बीच संवाद: अनुशासन का महत्व

 संवाद लेखन  Samvaad Lekhan  पिता और पुत्र के बीच संवाद: अनुशासन का महत्व   --- पिता और पुत्र के बीच संवाद: अनुशासन का महत्व पुत्र (अंशु): पिताजी, मुझे रोज़ समय पर उठना, पढ़ना और खेलना—ये सब एक नियम के अनुसार करना थोड़ा कठिन लगता है। क्या अनुशासन इतना ज़रूरी है? पिता (पंडित रमेश): बिलकुल, बेटा। अनुशासन हमारे जीवन की रीढ़ की हड्डी है। जैसे रेलगाड़ी पटरी पर चलती है तभी गंतव्य तक पहुँचती है, वैसे ही जीवन भी अनुशासन की पटरी पर चलकर ही सफल होता है। पुत्र: लेकिन पिताजी, अगर मैं कभी देर से पढ़ाई कर लूं या खेल में अधिक समय बिता दूं तो क्या फर्क पड़ता है? पिता: बेटा, छोटा सा फर्क ही बड़ी असफलताओं की जड़ बन सकता है। अनुशासन से हम अपने समय का सदुपयोग करना सीखते हैं। इससे मन स्थिर रहता है, लक्ष्य स्पष्ट होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। पुत्र: क्या सभी सफल लोग अनुशासन का पालन करते हैं? पिता: बिलकुल! चाहे वो महात्मा गांधी हों, अब्दुल कलाम या कोई भी महान वैज्ञानिक—उनकी दिनचर्या अनुशासन की मिसाल रही है। अनुशासन ही उन्हें आम से खास बनाता है। पुत्र (मुस्कराते हुए): अब मैं समझा, प...

6.3.2 कक्षा 6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-3, पहली बूंद 6.3.2 Class -6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 3, Pehli Boond

  6.3.2 कक्षा 6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय-3,  पहली बूंद  6.3.2 Class -6, NCERT Hindi Malhaar   Lesson- 3,   Pehli Boond      ✍️ पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास                             शब्दार्थ :    पावस-  वर्षा ऋतु  धरा- धरती।  वसुंधरा- धरती।  अंकुर- बीज 'का फूटना, प्रारंभिक स्वरूप। नव- नया।  अँगड़ाई - शरीर को तानना।  अधर- होंठ।  रोमावलि-सी- रोमों की पंक्ति की तरह। दूब- हरी घास।  पुलकी- जिसे रोमांच हुआ हो। मेरी समझ से   प्रश्न (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा हैं?  उसके सामने तारा (*) बनाइए-   (1) कविता में 'नव-जीवन की ले "अंगडाई" किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?  बादल   बूँद  अंकुर*     पावस  (2) 'नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली-से ये जलकर में काली पतली' है-  बारिश की बूँदें*       वृद्ध धरती  नग...

यात्रा वृत्तांत - उज्जैन महाकाल ज्योतिर्लिंग

 यात्रा वृत्तांत - उज्जैन महाकाल ज्योतिर्लिंग   Yatra Vritaant           मैं आप सभी को अपने साथ ले जा रहा हूँ , ऐसी रोमांचक आध्यात्मिक यात्रा पर जिसने मेरे जीवन में एक अमिट छाप छोड़ दी है। मुझे अवसर मिला भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक साथ दो या यूं कहे तो तीन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का। मैंने यहां दो अथवा तीन क्यों कहा, यह आप जब आगे का वृत्तान्त पढ़ेंगे तो स्वयं जान जाएंगे   रविवार और क्रिसमस के उत्सव की छुट्टी मिलाकर हमारे पास केवल पांच दिनों का ही समय था अतः हमने निर्णय लिया कि ट्रेन से जाने की बजाय दिल्ली से विमान द्वारा भोपाल जाया जाए, तो चलिए चलते हैं उस अलौकिक ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने।              वर्तमान समय में हम शिमला में रहते हैं अतः हमने निर्णय लिया कि शिमला से सीधी टैक्सी बुक करके दिल्ली पहुंचा जाए। शिमला से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी 360 किलोमीटर है जिसे 7:30 घंटे में तय किया जा सकता है। लगभग 7:00 बजे हम शिमला से दिल्ली के लिए रवाना हुए क्योंकि य...

विद्यालय पत्रिका लेख School Magzine Articles

 विद्यालय पत्रिका हेतु लेख  School Magzine Articles   **सवचछ भारत क्षरेषठ भारत**    भारत को स्वच्छ बनाना है दिल में तरंग, भरकर 'आाँखों में उमंग भरकर हर नागरिक का यह नारा है, भारत को स्वच्छ बनाना हैl यह मिट्टी जान है हमारी , आजादी के इस महोत्सव पर हर नागरिक को बतलाना है भारत को स्वच्छ बनाना है एक भारत श्रेष्ठ भारत का नारा लगाना है भारत को प्लास्टिक फ्री बनाना है भारत का स्वच्छ बनाना है देश की आन अपनी शान हर बच्चे को समझाना है भारत को स्वच्छ बनाना है बदलती हुई सोच को भी अपनाना है देश के लिए जीना मरना हर बालक को समझाना है भारत को स्वच्छ बनाना है आने वाले स्वर्ण काल के लिए हम सबने यह ठाना है भारत को ऊंचाइयों पर लाना है भारत को स्वच्छ बनाना है                                                        *सानवी ठाकुर*                           *कक्षा-आठवीं*  --...