6.4.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-4, “हार की जीत Class-6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 4, Haar ki Jeet
6.4.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'
अध्याय-4, “हार की जीत (सुदर्शन)
Class-6, NCERT Hindi Malhaar
Lesson- 4, Haar ki Jeet
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मुख्य पात्र -
बाबा भारती, सुलतान (घोड़ा), गड्गसिंह(डाकू)।
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शब्दार्थ :
1. फकीर – जो संसार का त्याग करके ईश्वर भक्ति में लीन हो गया हो।
2. घमंड – अहंकार, अपने ऊपर अत्यधिक गर्व।
3. दया – करुणा, दूसरों की पीड़ा देखकर सहानुभूति करना।
4. चोरी – बिना अनुमति के किसी की वस्तु ले लेना।
5. निवेदन – प्रार्थना करना, विनम्र अनुरोध।
6. संतोष – तृप्ति, जो मिल गया उसी में प्रसन्न रहना।
7. प्रभावित – प्रभावित होना, असर में आना।
8. उठाना (घोड़ा उठाना) – चुराना, जबरन ले जाना।
9. क्षमा – माफ कर देना, अपराध को क्षमा करना।
10. परिवर्तन – बदलाव, किसी बात में परिवर्तन होना।
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📝 पाठ से प्रश्न‑उत्तर
मेरी समझ से
1. चुनिए सही उत्तर (Multiple Choice)
प्रश्न 1: सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?
बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।
बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।
बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।
बाबा भारती असावधान हो गए।
➡️ उत्तर: बाबा भारती असावधान हो गए।
प्रश्न 2: “बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।” इस कथन के समर्थन में लेखक ने क्या तर्क दिया?
उन्होंने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।
वे प्रशंसा प्राप्त करना चाहते थे।
वे घोड़े से अत्यधिक मोह रखते थे।
वे हर समय घोड़े की देखभाल करते थे।
➡️ उत्तर: बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।
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2. अपने मित्रों से चर्चा कीजिए
प्रश्न: आपने ये उत्तर क्यों चुने?
➡️ **संकेत उत्तर:**
बाबा भारती का घोड़ा छीन लेना उन्हें अचेत अवस्था में ले गया, जिससे वे असावधान हुए। और घोड़ा छुपा कर भाव दिखाना आम मानव प्रवृत्ति का उदाहरण है, जिससे लेखक ने सिद्ध किया कि वे मनुष्य ही थे।
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📖 शीर्षक
(क) आपने अभी जो 'कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुवर्शन ने 'हारकीजीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चां करके लिरखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नामं क्यों दिया होगा? अपने उत्त का कारण भी लिखिए।
(लेखक ने कहानी का शीर्षक “हार की जीत” क्यों रखा होगा?)
➡️ उत्तर:
खड्गसिंह की हार (घोड़ा वापस करना) उसकी नैतिक जीत थी।
बाबा भारती की भौतिक हार (घोड़े का खोना) उनके आत्मिक फायदे में परिवर्तित हुई।
यह दिखाता है कि कभी‑कभी हार में भी असली जीत छुपी होती है।
(ख) आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए।
➡️ उत्तर:
“डाकू का हृदय परिवर्तन” — क्योंकि खड्गसिंह का चरित्र बदलकर क्षमाशील बन जाना मुख्य बिंदु है।
(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?
बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि इस घटना को वह किसी के सामने प्रकट न करें।
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सोच विचार के लिए
(क) किस-किस के आँसुओं का मेल हो गया था?
उत्तर: बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मेल हो गया था।
(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था ?
उत्तर: दोनों के आँसुओं में यह अंतर है कि बाबा भारती के आँसू खुशी के आँसू थे और खड्गसिंह के आँसू दुख के आँसू थे।
मुहावरे कहानी से
कहानी से चुनकर कुछ मुहावरे नीचे दिए गए हैं— लट्टू होना, हृदय पर साँप लोटना, फूले न समाना, मुँह मोड़ लेना, मुख खिल जाना, न्योछावर कर देना। कहानी में इन्हें खोजकर इनका प्रयोग समझिए।
उत्तर:
लट्टू होना – बाबा भारती घोड़े की चाल पर लट्टू थे।
हृदय पर साँप लोटना – घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया ।
फूले न समाना – घोड़े के शरीर तथा उसके रंग को देखकर बाबा भारती फूले न समाते थे।
मुँह मोड़ लेना – बाबा भारती ने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कोई संबंध ही न रहा हो।
मुख खिल जाना – घोड़े को देखकर बाबा भारती का मुख फूल की भाँति (तरह) खिल जाता था ।
न्योछावर कर देना – बाबा भारती ने अपना सब कुछ घोड़े पर न्योछावर कर दिया।
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कैसे कैसे पात्र
1 बाबा भारती
दयालु, कृपालु, करुणामय, मर्म स्पर्शी, सेवा शील, सत्यवादी
2 डाकू खड्गसिंह
बाहुबली, क्रूर, ईर्ष्यालु, कुख्यात, बेरहम, धोखेबाज
3 सुलतान घोड़ा
सुंदर, लंबा, बलवान, गठिला, तीव्र गामी , समझदार
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