8.5 क्या निराश हुआ जाए ( kya Nirash Hua Jaaye)
8.5 क्या निराश हुआ जाए
( kya Nirash Hua Jaaye)
लक्षित अधिगम बिंदु (TLO)
1. जीवन में सदा आशावादी रहने का संदेश प्राप्त होता है।
2. विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना का विकास होगा।
3. निबंध लेखन विधा के विषय में जानेंगे।
4. नूतन शब्दों के परिचय होगा।
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1:
लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
उत्तर:
लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन करते हुए कहा है कि उसने जीवन में धोखा तो खाया है परंतु ऐसा जीवन में हमेशा नहीं हुआ। उसका मानना है कि अगर वो इन धोखों को याद रखेगा तो उसके लिए विश्वास करना बहुत कठिन होगा और ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण उनकी सहायता की है, निराश मन को ढाँढस दिया है और हिम्मत बढाई है।
उदाहरण के रूप में टिकट बाबू द्वारा बचे हुए पैसे लेखक को लौटाना, बस कंडक्टर द्वारा दूसरी बस व बच्चों के लिए दूध लाना आदि ऐसी घटनाएँ हैं। इसलिए उसे विश्वास है कि समाज में मानवता, प्रेम, आपसी सहयोग समाप्त नहीं हो सकते।
पर्दाफ़ाश
प्रश्न 1:
दोषों का पर्दाफ़ाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?
उत्तर:
दोषों का पर्दाफ़ाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस (आनंद) लेते है या जब हमारे ऐसा करने से वे लोग उग्र रूप धारण कर किसी को हानि पहुँचाए।
प्रश्न 2
आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार लिखिए?
उत्तर:
इस प्रकार के पर्दाफ़ाश से हम समाज में व्याप्त बुराईयों से, अपने आस-पास के वातावरण से तथा लोगों से अवगत हो जाते हैं और इसके कारण समाज में जागरूकता भी आती है साथ ही समाज समय रहते ही सचेत और सावधान हो जाता है।
कारण बताइए
निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे – ”ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है। ”परिणाम-भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
”सच्चाईकेवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।” ………………..
”झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” ………………..
”हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” ………………..
उत्तर -
”सच्चाईकेवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। – तानाशाही बढ़ेगी
”झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” – भ्रष्टाचार बढ़ेगा
”हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” – अविश्वास बढ़ेगा
सार्थक शीर्षक
प्रश्न 1. लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?
प्रश्न :
लेखक ने इस लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ उचित रखा है। आजकल हम अराजकता की जो घटनाऍ अपने आसपास घटते देखते रहते हैं। जिससे हमारे मन में निराशा भर जाती है। लेकिन लेखक हमें उस समय समाज के मानवीय गुणों से भरे लोगों को और उनके कार्यों को याद करने को कहा हैं जिससे हम निराश न हो।
इसका अन्य शीर्षक हम 'निराशा से आशा’ भी रख सकते हैं।
प्रश्न 2. यदि क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिहन लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन-सा चिहन लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए–
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उत्तर :
‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद मैं प्रश्न चिन्ह ‘क्या निराश हुआ जाए?’ लगाना उचित समझता हूँ। समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच रहते हुए भी जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टि जरूरी है।
प्रश्न* आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर :
"आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” – मैं इस कथन से सहमत हूँ क्योंकि व्यक्ति जब आदर्शो की राह पर चलता है तब उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। असामाजिक तत्वों का अकेले सामना करना पड़ता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. दो शब्दों के मिलने से समास बनता है। समास का एक प्रकार है – द्वंद्व समास।
इसमें दोनों शब्द प्रधान होते हैं। जब दोनों भाग प्रधान होंगे तो एक-दूसरे में द्वंद्व (स्पर्धा, होड़) की संभावना होती है। कोई किसी से पीछे रहना नहीं चाहता,
जैसे – चरम और परम = चरम-परम, भीरु और बेबस = भीरू-बेबस। दिन और रात = दिन-रात।
'और’ के साथ आए शब्दों के जोड़े को ‘और’ हटाकर (-) योजक चिह्न भी लगाया जाता है। कभी-कभी एक साथ भी लिखा जाता है।
द्वंद्व समास के बारह उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :
सुख और दुख सुख-दुख
भूख और प्यास भूख-प्यास
हँसना और रोना हँसना-रोना
आते और जाते आते-जाते
राजा और रानी राजा-रानी
चाचा और चाची चाचा-चाची
सच्चा और झूठा सच्चा-झूठा
पाना और खोना पाना-खोना
पाप और पुण्य पाप-पुण्य
स्त्री और पुरूष स्त्री-पुरूष
राम और सीता राम-सीता
आना और जाना आना-जाना
प्रश्न 2.पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।
प्रश्न :
1. जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति , वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
व्यक्ति का नाम: संध्या, धर्मेश, सुरेश, सचिन आदि।
वस्तु का नाम: गीता, रामायण, कार, घर आदि।
स्थान का नाम: कच्छ, गुजरात, मुंबई, दिल्ली आदि।
दिशाओं के नाम: उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण
नदियों के नाम: गंगा, जमुना, सरस्वती, कावेरी , नर्मदा आदि।
2. जातिवाचक संज्ञा : जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बच्चा ,जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की, बस, यात्री, मनुष्य, ड्राइवर, कंडक्टर,
हिन्दू, मुस्लिम, आर्य, द्रविड़, पति, पत्नी आदि।
3. भाववाचक संज्ञा : जिन शब्दों से किसी प्राणी या पदार्थ के गुण भाव स्वभाव के अवस्था का बोध होता है।
ईमानदारी, सच्चाई, झूठ, चोर, डकैत आदि।
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