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Showing posts from August, 2025

8.5.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 5, कबीर के दोहे Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 5, Kabir Ke Dohe

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  8.5.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय- 5,  कबीर के दोहे Class- 8, NCERT Hindi Malhaar   Chapter- 5, Kabir Ke Dohe   मेरी समझ से  (क)   निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं। (1) “गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागौं पाँय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।।” इस दोहे में किसके विषय में बताया गया है? श्रम का महत्व गुरु का महत्व (★) ज्ञान का महत्व भक्ति का महत्व (2) “अति का भला न बोलना अति का भला न चूप। अति का भला न बरसना अति की भली न धूप।।” इस दोहे का मूल संदेश क्या है? हमेशा चुप रहने में ही हमारी भलाई है बारिश और धूप से बचना चाहिए हर परिस्थिति में संतुलन होना आवश्यक है (★) हमेशा मधुर वाणी बोलनी चाहिए (3) “बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं फल लागै अति दूर।।” यह दोहा किस जीवन कौशल को विकसित करने पर बल देता है? समय का सदुपयोग करना दूसरों के काम  आना (★) परिश्रम और लगन से काम करना सभी के प्रति उदार रहना (4) “ऐसी बानी बोलिए मन का...

8.4.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 4, हरिद्वार (पत्र) Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 4, Haridwar

  8.4.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय- 4,  हरिद्वार (पत्र) Class- 8, NCERT Hindi Malhaar   Chapter- 4, Haridwar    मेरी समझ से  (क)   निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा  (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं। 1. “सज्जन ऐसे कि पत्थर मारने से फल देते हैं” का क्या अर्थ है? लेखक के अनुसार सज्जन लोग बिना पूछे स्वादिष्ट रसीले फल देते हैं। लेखक फलदार वृक्षों की उदारता को मानवीय रूप में व्यक्त कर रहे हैं। (★)  लेखक का मानना था कि हरिद्वार के सभी दुकानदार बहुत सज्जन थे। लेखक को पत्थर मारकर पके हुए फल तोड़कर खाना पसंद था। 2. “वैराग्य और भक्ति का उदय होता था” इस कथन से लेखक का कौन-सा भाव प्रकट होता है? शारीरिक थकान और मानसिक बेचैनी आर्थिक संतोष और मानसिक विकास मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव  (★)  सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक प्रेम 3. “पत्थर पर का भोजन का सुख सोने की थाल से बढ़कर था” इस वाक्य का सर्वाधिक उपयुक्त निष्कर्ष क्या है? संतुष्टि में सुख होता है।  (★)...

6.6.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-6, मेरी मां Class-6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 6, Meri Maa

  6.6.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय-6,  मेरी मां  Class-6, NCERT Hindi Malhaar   Lesson- 6, Meri Maa --------------------------                                  शब्दार्थ :      पृष्ठ 51 होनहार – भावी, अच्छे लक्षणों वाला। आधिपत्य – प्रभुत्व, अधिकार।  गज़ब – कमाल। आत्मकथा – अपने जीवन की कथा। प्रकाशित – जो छापा एवं प्रचारित किया गया हो। अंश – भाग। पृष्ठ 52 अनुरोध – याचना करना। सदव्यवहार – सदाचार, अच्छा व्यवहार। संकल्प – निश्चय, प्रतिज्ञा। हस्ताक्षर – दस्तखत (सिग्नेचर)। खारिज – अस्वीकृत। आचरण – व्यवहार। नितांत – एकदम, बिल्कुल। पृष्ठ 53 प्रबंध – व्यवस्था। अक्षर – बोद्धा वर्ण। देवनागरी – भारत की प्रसिद्ध लिपि। वार्तालाप – बातचीत। निवाह – गुज़ारा। प्राणदंड – मृत्युदंड। जन्मदात्री – जन्म देने वाली। उऋण – ऋण से मुक्त। अवर्णनीय – जिसका वर्णन न किया जा सके। पृष्ठ 54  संलग्न – साथ जुड़ा हुआ, लगा हुआ। श्रेष्ठ – यश। ताड़ना – दंड देना। धृ...

8.3.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 3, एक आशीर्वाद Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 3, Ek Aashirvaad

  8.3.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय- 3,  एक आशीर्वाद Class- 8, NCERT Hindi Malhaar   Chapter- 2,  Do Goraiya   मेरी समझ से  (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) लगाइए : 1. कविता में किसे संबोधित किया गया है? ✅ उत्तर – ★ युवा वर्ग को ★ नागरिकों को बच्चों को  श्रमिकों को  (कविता में युवाओं और नागरिकों दोनों को प्रेरित किया गया है।)  2. "तेरे स्वप्न बड़े हों" पंक्ति में 'स्वप्न' से क्या आशय है? ✅ उत्तर – ★ कल्पना की उड़ान भरना ★ आकांक्षाएं और रचनाएं रखना ★ बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना ★ बड़े लक्ष्य निर्धारित करना (यह सभी विकल्प उपयुक्त हैं, अतः सभी पर ★ लगाया जा सकता है।)   3. ‘उँगली जलाएँ’ पंक्ति में उँगली जलाने का भाव है— चुनौतियों को स्वीकार करना प्रकाश का प्रसार करना* अग्नि के ताप का अनुभव करना काँटों से नहीं घबराना 4. ‘‘अपने पाँवों पर खड़े हों’’ पंक्ति से क्या आशय है? अपने पैरों पर खड़े होना सफलता प्राप्त करना कठिनाइयों का सामना करना आत्मनिर्भर होना * मिलाकर करें मिलान ...