8.3.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 3, एक आशीर्वाद Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 3, Ek Aashirvaad
8.3.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'
अध्याय- 3, एक आशीर्वाद
Class- 8, NCERT Hindi Malhaar
Chapter- 2, Do Goraiya
मेरी समझ से
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) लगाइए :
1. कविता में किसे संबोधित किया गया है?
✅ उत्तर –
★ युवा वर्ग को
★ नागरिकों को
बच्चों को
श्रमिकों को
(कविता में युवाओं और नागरिकों दोनों को प्रेरित किया गया है।)
2. "तेरे स्वप्न बड़े हों" पंक्ति में 'स्वप्न' से क्या आशय है?
✅ उत्तर –
★ कल्पना की उड़ान भरना
★ आकांक्षाएं और रचनाएं रखना
★ बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना
★ बड़े लक्ष्य निर्धारित करना
(यह सभी विकल्प उपयुक्त हैं, अतः सभी पर ★ लगाया जा सकता है।)
3. ‘उँगली जलाएँ’ पंक्ति में उँगली जलाने का भाव है—
चुनौतियों को स्वीकार करना
प्रकाश का प्रसार करना*
अग्नि के ताप का अनुभव करना
काँटों से नहीं घबराना
4. ‘‘अपने पाँवों पर खड़े हों’’ पंक्ति से क्या आशय है?
अपने पैरों पर खड़े होना
सफलता प्राप्त करना
कठिनाइयों का सामना करना
आत्मनिर्भर होना *
मिलाकर करें मिलान
कविता की पंक्तियों को उनके सही भाव या संदर्भ से इस प्रकार मिलाया जाएगा:
क्रम स्तंभ 1 (पंक्तियाँ) स्तंभ 2 (भाव/संदर्भ) मिलान
1 भावना की गोद से उतरकर जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें
भावनाओं में न बहकर वास्तविकता का सामना करना 3
2 हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएं
विविध ज्ञान के प्रति आकृष्ट होना और उसे पाने की ललक होना 1
3 चाँद-तारों-सी अप्राप्य सजाओं के लिए रूठना-मचलना सीखें
असंभव से लगने वाले लक्ष्यों के लिए हठ और प्रयास करना 4
4 ...हँसें/मुस्कराएँ/गाएँ
सपनों को आनंद और मुस्कुराहटों में बदलें। कठिन परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखें। 2
सही मिलान क्रम होगा:
1 - 3,
2 - 1,
3 - 4,
4 - 2
पंक्तियों पर चर्चा
(क) "जा, तेरे स्वप्न बड़े हों"
➡️ चर्चा:
यह पंक्ति एक आशीर्वाद की तरह है जिसमें कहा गया है कि तुम जीवन में बड़े सपने देखो। यह जीवन में ऊँचाइयाँ छूने, कुछ विशेष करने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। यहाँ "जा" शब्द आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता का प्रतीक है।
(ख) "जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें"
➡️ चर्चा:
यह पंक्ति व्यवहारिक जीवन के आरंभ की ओर संकेत करती है। इसमें कहा गया है कि जैसे ही कोई बच्चा जन्म लेता है, उसे जीवन की राह पर चलना सीखना चाहिए। यह 'कदम-कदम पर सीखने' और संघर्षों को अपनाने का संदेश देती है।
(ग) "चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए
रूठना-मचलना सीखें"
➡️ चर्चा:
इसमें कहा गया है कि बच्चे को चाँद-तारों जैसी ऊँची और मुश्किल दिखने वाली चीज़ों को पाने की जिद करनी चाहिए। यह पंक्ति महत्वाकांक्षा और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। "रूठना-मचलना" प्रतीक है जुनून, जिज्ञासा और अपने लक्ष्य के प्रति लगाव का।
सारांशतः
इन पंक्तियों में बच्चों को बड़े स्वप्न देखने, जीवन की राह पर चलना सीखने, और ऊँचे लक्ष्यों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी गई है। यह पंक्तियाँ एक आदर्श जीवन दर्शन को दर्शाती हैं — जिसमें स्वतंत्रता, शिक्षा, और महत्वाकांक्षा तीनों का समावेश है।
अनुमान और कल्पना से
(क) कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। आपके अनुसार बड़े सपने कौन-कौन से हो सकते हैं और क्यों?
उत्तर:
मेरे अनुसार बड़े सपने वे होते हैं जो केवल व्यक्ति के लिए ही नहीं, समाज और देश के लिए भी उपयोगी हों। जैसे —
वैज्ञानिक बनकर नई खोज करना,
डॉक्टर बनकर गरीबों का इलाज करना,
शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य सँवारना,
देशसेवा के कार्य करना आदि।
क्योंकि बड़े सपने जीवन में ऊँचा लक्ष्य देते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
(ख) "हर दीये की रोशनी देखकर ललकाएँ, उँगली जलाएँ" पंक्ति में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ललक की बात की गई है। ललक के साथ और क्या-क्या होना आवश्यक है और क्यों?
(संकेत — योजना, प्रयास आदि)
उत्तर: लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केवल ललक होना पर्याप्त नहीं है। ललक के साथ-साथ इन बातों का होना भी आवश्यक है —
स्पष्ट योजना,
सतत प्रयास,
धैर्य और
आत्मविश्वास।
क्योंकि बिना योजना और परिश्रम के कोई भी सपना अधूरा रह जाता है। प्रयासों से ही ललक फलदायी बनती है।
(ग) कल्पना कीजिए कि आपका सपना ही आपका मित्र है। आपको उससे बातचीत करनी हो तो क्या बात करेंगे?
उत्तर:
प्रिय सपना,
तुम मेरे जीवन की दिशा हो। मैं तुम्हें पाकर ही संतुष्ट हो सकता हूँ। तुम मुझे हर रोज़ मेहनत करने की प्रेरणा देते हो। मैं वादा करता हूँ कि मैं हार नहीं मानूँगा और तुम्हें ज़रूर साकार करूँगा। कृपया मुझे कभी अकेला मत छोड़ना।
(घ) यदि आप किसी को आशीर्वाद देना चाहते हों तो आप किसे और क्या आशीर्वाद देंगे और क्यों?
उत्तर:
मैं अपने छोटे भाई/बहन को आशीर्वाद देना चाहूँगा।
मैं कहूँगा —
"ईश्वर तुम्हें सदैव स्वस्थ, सफल और सच्चा इंसान बनाए। तुम अपने जीवन में बड़े सपने देखो और उन्हें साकार करो।"
क्योंकि ऐसा आशीर्वाद उन्हें आगे बढ़ने और अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
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