6.6.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-6, मेरी मां Class-6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 6, Meri Maa

 6.6.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' 

अध्याय-6,  मेरी मां 

Class-6, NCERT Hindi Malhaar  

Lesson- 6, Meri Maa

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                           शब्दार्थ :     

पृष्ठ 51

होनहार – भावी, अच्छे लक्षणों वाला।

आधिपत्य – प्रभुत्व, अधिकार। 

गज़ब – कमाल।

आत्मकथा – अपने जीवन की कथा।

प्रकाशित – जो छापा एवं प्रचारित किया गया हो।

अंश – भाग।

पृष्ठ 52

अनुरोध – याचना करना।

सदव्यवहार – सदाचार, अच्छा व्यवहार।

संकल्प – निश्चय, प्रतिज्ञा।

हस्ताक्षर – दस्तखत (सिग्नेचर)।

खारिज – अस्वीकृत।

आचरण – व्यवहार।

नितांत – एकदम, बिल्कुल।

पृष्ठ 53

प्रबंध – व्यवस्था।

अक्षर – बोद्धा वर्ण।

देवनागरी – भारत की प्रसिद्ध लिपि।

वार्तालाप – बातचीत।

निवाह – गुज़ारा।

प्राणदंड – मृत्युदंड।

जन्मदात्री – जन्म देने वाली।

उऋण – ऋण से मुक्त।

अवर्णनीय – जिसका वर्णन न किया जा सके।

पृष्ठ 54 

संलग्न – साथ जुड़ा हुआ, लगा हुआ।

श्रेष्ठ – यश।

ताड़ना – दंड देना।

धृष्टतापूर्ण – उद्दंडता।

परिणाम – नतीजा।

सदैव – हमेशा।

सांत्वना – ढाढ़स बंधाना, तसल्ली देना।

उज्ज्वल – दीप्तिमय, चमकीला।

विचलित – अस्थिर। 


प्रश्न उत्तर 

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-


1. ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।’

बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी? 

भारत माता के साथ रहने की

अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की

अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की

भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

उत्तर

अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने (★)


2. रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

देश की सेवा करें

कभी किसी के प्राण न लेना 

कभी किसी से छल न करना

सदा सच बोलना

उत्तर

कभी किसी के प्राण न लेना (★)


(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?

उत्तर 

पहले प्रश्न का उत्तर पाठ में स्पष्ट रूप से दिया गया है जहाँ बिस्मिल कहते हैं कि उनकी इच्छा है कि वे अपनी माँ की सेवा कर सकें, लेकिन यह पूरी होती नहीं दिखाई देती।

दूसरे प्रश्न का उत्तर भी पाठ में स्पष्ट है जहाँ लिखा है कि उनकी माँ का सबसे बड़ा आदेश था कि किसी की प्राणहानि न हो।


पंक्तियों पर चर्चा 

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।” 

उत्तर 

बिस्मिल की माँ के प्रति अटूट श्रद्धा ।

बिस्मिल को क्रांतिकारी जीवन की प्रेरणा और सहयोग अपनी माँ से प्राप्त हुआ।

बिस्मिल ने स्वयं को देश की स्वतंत्रता के लिए पूर्णतया समर्पित कर दिया । 

(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।”

उत्तर 

माता जी ने सबसे बड़ा आदेश बिस्मिल को दिया था कि कभी किसी की प्राणहानि न हो। माता ने शिक्षा दी थी कि शत्रु को भी प्राणदंड न मिले।

बिस्मिल ने कुछ लोगों को प्राणदंड देने की प्रतिज्ञा ली थी किंतु माँ ने वादा लिया कि वे प्राणदंड के रूप में बदला नहीं लेंगे। 

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं। 

शब्द अर्थ या संदर्भ

1. देवनागरी

1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।

2. आर्यसमाज

2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा ।

3. मेजिनी

3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था ।

4. गोबिंद सिंह

4. भारत की एक भाषा लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।

उत्तर 

देवनागरी

4. भारत की एक भाषा लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।


2. आर्यसमाज

3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था ।


3. मेजिनी

2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा ।


4. गोबिंद सिंह

1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना

1 - 4 

2 - 3 

3 - 2 

4 - 1 


 सोच विचार के लिए 

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

1. बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आईं तो उनकी ‘आयु काफ़ी कम थी।

(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?

उत्तर

(क) बिस्मिल की माता जी ने अपनी दादी जी से गृहकार्य की शिक्षा ली। थोड़े दिनों में उन्होंने घर के सब काम-काज को समझ लिया और भोजनादि का ठीक-ठीक प्रबंध करने लगीं। 

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को शिक्षित किया: 

मुहल्ले की शिक्षित सखी-सहेलियों से अक्षर-बोध किया

घर का काम करने के बाद बचे समय में पढ़ना-लिखना करती थीं

परिश्रम से थोड़े दिनों में ही देवनागरी पुस्तकों का अध्ययन करने लगीं


2. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?

उत्तर 

बिस्मिल के व्यक्तित्व निर्माण में उनकी माता ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जीवन के हर कदम पर अपने सुपुत्र बिस्मिल को प्रोत्साहित किया। छोटी उम्र में ही अपनी माता जी से प्रेरणा लेकर बिस्मिल साहस, वीरता और देश सेवा के पथ पर चले । जन्मभूमि पर न्योछावर होने वाले पुत्र पर उन्हें गर्व था। संकटों में भी उन्होंने अपने पुत्र को अधीर नहीं होने दिया ।


3. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?

उत्तर 

बालक बिस्मिल में प्रेम, साहस और दृढ़ता के भाव उनकी माँ ने भरे थे। कम उम्र में विवाह हो जाने के बाद भी उनकी माँ अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को शिक्षित करती रहीं। कुछ वर्षों बाद उन्होंने बिस्मिल और उनकी छोटी बहनों को भी पढ़ाया-लिखाया। अपनी शिक्षा और वाणी से बिस्मिल के जीवन मूल्यों मैं सुधार किया। माँ के प्रोत्साहन का ही परिणाम था कि रामप्रसाद धर्म के मार्ग पर चलकर उत्तम शिक्षा ग्रहण कर सके।

अथवा 

बिस्मिल की माँ ने स्वयं पढ़ना-लिखना सीखा और अपनी बेटियों को भी शिक्षा दी। वे बिस्मिल के विवाह को टालकर शिक्षा को प्राथमिकता देती थीं।


4. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?

उत्तर 

बिस्मिल की माँ उन्हें देश-सेवा और क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती थीं। वे स्वयं भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहीं और अपने बच्चों को भी शिक्षा दिलवाना चाहती थीं। वे बिस्मिल के विचारों का समर्थन करती थीं, भले ही इसके लिए उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों की नाराजगी झेलनी


शब्द  प्रयोग तरह-तरह के 

(क) “माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं।” इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है- अक्षर का बोध या ज्ञान।

एक अन्य वाक्य देखिए— “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।” इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात पढ़ना और लिखना। 

प्रश्न: हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी हैं। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए। 

उत्तर 

डाँट-फटकार

काम-काज

उठना-बैठना

अंदर-बाहर

देश सेवा

पालन-पोषण 





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