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Showing posts from July, 2023

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती Koshish karne walo ki kabhi haar nahi hoti Hindi Kavita (poem)

  कोशिश करने वालों की हार नहीं होती Koshish karne walo ki kabhi haar nahi hoti Hindi Kavita (poem) लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों में साहस भरता है चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती -सोहनलाल द्विवेदी 

पेड़ लगाओ जीवन बचाओ - कविता Ped lagaao jeevan bachaao - hindi kavita (poem) - Dr. Vipin Sharma

 पेड़ लगाओ जीवन बचाओ -  कविता  Ped lagaao jeevan bachaao - hindi kavita (poem) - Dr. Vipin Sharma  पेड़ लगाओ जीवन बचाओ  ताज़ी हवा मुफ्त पाओ  पेड़ रहेंगे, तो रहेगा जीवन आओ बचाओ मिलकर सभी वन।। भाषण बाजी का काम नहीं बस एक पेड़ लगाना काम सही  पेड़ से ही मिले, हमें हवा  पेड़ से ही बने, सब दवा पेड़ से मिले फल-फूल-छाल  पेड़ ही दे गर्मी में  छाव पेड़ से हैं , हमारे घर बनते पेड़ से हैं, कॉपी-किताब   बनते पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ  ताज़ी हवा, मुफ्त  फैलाओ  पेड़ न रहे, न रहेगा जीवन  इसलिए बचाओ मिलकर सभी वन।।

अपने विद्यालय के प्राचार्य महोदय को अस्वास्थ्य (बीमार होने) के कारण दो दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना- पत्र। Application letter to the principal of your school for two days leave due to ill health - in Hindi.

  अपने विद्यालय के प्राचार्य महोदय को अस्वास्थ्य (बीमार होने) के कारण दो दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना- पत्र।  Application letter to the principal of your school for two days leave due to ill health - in Hindi. सेवा में, श्रीमान प्राचार्य महोदय, केंद्रीय विद्यालय .....जतोग छावनी.....,  .....शिमला, हिमाचल प्रदेश।.....  दिनांक -    विषय: अस्वास्थ्य (बीमार होने) के कारण दो दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना- पत्र।    आदरणीय महोदय,              सविनय निवेदन यह है कि मैं ............. आपके विद्यालय की कक्षा ...छठी/सातवीं/आठवीं..... भाग अ/ब/स/द का/की विद्यार्थी हूँ। मैं अस्वस्थ (बीमार) होने के कारण विद्यालय में उपस्थित होने में असमर्थ हूँ। अतः कृपया आप मुझे दिनांक .......से ...... तक (दो) दिन का अवकाश प्रदान करें।  आपकी अतिव (बहुत) कृपा होगी।  धन्यवाद।  आपका आज्ञाकारी शिष्य/ आपकी अज्ञकारिणी शिष्या,  नाम- अनुक्रमांक- कक्षा- 

संख्यावचक शब्द Sankhya Vachak Shab NUMBERS in HINDI

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  संख्यावचक शब्द  Sankhya Vachak Shabd  NUMBERS in HINDI एक दो तीन चार पाँच छह सात आठ नौ दस ग्यारह बारह तेरह चौदह पंद्रह सोलह सत्रह अठारह उन्नीस बीस इक्कीस बाईस तेईस चौबीस पच्चीस छब्बीस सत्ताईस अट्ठाईस उनतीस तीस इकतीस बत्तीस तैंतीस चौंतीस पैंतीस छत्तीस सैंतीस अड़तीस उनतालीस चालीस इकतालीस बयालीस तैंतालीस चवालीस पैंतालीस छियालीस सैंतालीस अड़तालीस उनचास पचास इक्यावन बावन तिरपन चौवन पचपन छप्पन सत्तावन अट्ठावन उनसठ साठ इकसठ बासठ तिरसठ चौंसठ पैंसठ छियासठ सड़सठ अड़सठ उनहत्तर सत्तर इकहत्तर बहत्तर तिहत्तर चौहत्तर पचहत्तर छिहत्तर सतहत्तर अठहत्तर उनासी अस्सी इक्यासी बयासी तिरासी चौरासी पचासी छियासी सतासी अठासी  नवासी नब्बे इक्यानवे बानवे तिरानवे चौरानवे पचानवे छियानवे सतानवे अठानवे निन्यानवे सौ संदर्भ -  देवनागरी लिपि तथा हिंदी वर्तनी का मानकीकरण    केंद्रीय हिंदी निदेशालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (उच्चतर शिक्षा विभाग) भारत सरकार पृष्ठ संख्या 52

अनुच्छेद-लेखन (Paragraph Writing)

अनुच्छेद-लेखन (Paragraph Writing)  परिभाषा (Defination)  किसी एक भाव या विचार को व्यक्त करने के लिए लिखे गये सम्बद्ध और लघु वाक्य-समूह को अनुच्छेद-लेखन कहते हैं। दूसरे शब्दों में- किसी घटना, दृश्य अथवा विषय को संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित ढंग से जिस लेखन-शैली में प्रस्तुत किया जाता है, उसे अनुच्छेद-लेखन कहते हैं। सरल शब्दों में- किसी भी विषय को संक्षिप्त एवं प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने की कला को अनुच्छेद लेखन कहा जाता है। 'अनुच्छेद' शब्द अंग्रेजी भाषा के 'Paragraph' शब्द का हिंदी पर्याय है। अनुच्छेद 'निबंध' का संक्षिप्त रूप होता है। इसमें किसी विषय के किसी एक पक्ष पर 80 से 100 शब्दों में अपने विचार व्यक्त किए जाते हैं। अनुच्छेद में हर वाक्य मूल विषय से जुड़ा रहता है। अनावश्यक विस्तार के लिए उसमें कोई स्थान नहीं होता। अनुच्छेद में घटना अथवा विषय से सम्बद्ध वर्णन संतुलित तथा अपने आप में पूर्ण होना चाहिए। अनुच्छेद की भाषा-शैली सजीव एवं प्रभावशाली होनी चाहिए। शब्दों के सही चयन के साथ लोकोक्तियों एवं मुहावरों के समुचित प्रयोग से ही भाषा-शैली में उपर्युक्त गुण आ सकत

8B.2 भारत की खोज (Bharat ki Khoj) कक्षा आठवीं पूरक पाठ्यपुस्तक NCERT प्रश्न-अभ्यास (16-27)

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  भारत की खोज (Bharat ki Khoj) कक्षा आठवीं पूरक पाठ्यपुस्तक NCERT   प्रश्न-अभ्यास (16-27)    प्रश्न 16. महान सम्राट अशोक ने घोषणा की कि वह प्रजा के कार्य और हित के लिए हर स्थान पर और हर समय हमेशा उपलब्ध हैं। हमारे समय के शासक/लोक-सेवक इस कटौती पर कितना खरा उतरते हैं? तर्क सहित लिखिए। उत्तर- हमारे समय में शासक वर्ग यानी नेता प्रजा के कार्य और भलाई के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। वे चुनाव के वक्त दिखते हैं और जनता के कल्याण के लिए लंबी-चौड़ी घोषणाएँ तथा वायदे करते हैं। जीत जाने के बाद वे अपना शक्ल नहीं दिखाते। जनता की समस्याओं को सुनने, समझने और हल करने में रुचि नहीं होती। उन्हें तो चुनाव के समय जनता याद आती है। प्रश्न 17. “औरतों के परदे में अलग-अलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में रुकावट आई।” कैसे? उत्तर- औरतों के परदे में अलग-थलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में रुकावट आई। उन्हें शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। अब समाज में उनकी भागीदारी कम हो गई। उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य में गिरावट आई । औरतें घर की चारदीवारी तक सिमट कर रह गईं । नारी उत्पीड़न बढ़ गया। पुरुषों के अधिकार और वर्चस्व बढ़ते गए। इस

8B.1 भारत की खोज (Bharat ki Khoj) कक्षा आठवीं पूरक पाठ्यपुस्तक NCERT प्रश्न-अभ्यास (1-15)

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  भारत की खोज (Bharat ki Khoj)  कक्षा आठवीं पूरक पाठ्यपुस्तक NCERT   प्रश्न-अभ्यास (1-15)   लक्षित अधिगम बिंदु 1. भारत के इतिहास और संस्कृति के विषय में जानना। 2.जवाहर लाल नेहरू के जीवन से संबंधित विभिन्न घटनाओं के विषय में जानना। 3. गद्य साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न करना।  4. शब्द भंडार में वृद्धि। ----- ------ ----- ----- ----- -----   प्रश्न 1. आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा के या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?’ ये प्रश्न अध्याय दो के शुरुआती हिस्से से लिए गए हैं। अब तक आप पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए। उत्तर- भारत एक विशाल जनसंख्या वाला प्राचीनतम देश है। यहाँ की विशिष्ट संस्कृति और सभ्यता है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की महानता शुरू से वर्तमान तक विश्व में लोकप्रिय रही है। यही कारण है क

राष्ट्र गान भारतीय (National Anthem India)

राष्ट्र गान भारतीय (National Anthem India) रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था।   जन-गण-मन अधिनायक जय हे              भारत भाग्य विधाता। पंजाब- सिन्धु- गुजरात- मराठा              द्राविड़- उत्कल- बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा           उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,           गाहे तव जय-गाथा।  जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।  जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।   - कवि रवीन्द्र नाथ ठाकुर   *गाने अथवा बजने में (52 सेकेंड) का समय लगना चाहिए।  Audio   अधिक जानकारी हेतु वेबस्थाल पर जाएं Orders Related to National Anthem   वाक्य अर्थ-  जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता! जनगणमन: जनगण के मन/सारे लोगों के मन;  अधिनायक: शासक;  जय हे:की जय हो;  भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य-विधाता(भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता हैं! पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विंध्

8.6.1 यह सबसे कठिन समय नहीं yaha sabse Kathin Samaya Nahi

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    8.6.1 यह सबसे कठिन समय नहीं  yaha sabse Kathin Samaya Nahi  - जया जादवानी लक्षित अधिगम बिंदु (TLO) 1. जीवन में सदा आशावादी रहने का संदेश प्राप्त होता है। 2. समय परिवर्तनशील है, बुरा समय अवश्य ही बीत जाएगा इस सत्य का बोध होगा। 3. कविता पठन/ गायन  कौशल का विकास।  4. जीवन में कठिनाइयों से डरना नहीं चाहिए तथा कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।  ----------------------   पाठ प्रवेश इस पाठ में कवयित्री एक छोटी – सी चिड़िया के माध्यम से यह बताती हैं कि जब तक वह घोसला बनाने का प्रयास करेगी, जब तक वह अपनी इस क्रिया में लगी रहेगी, चिड़िया अपने घोसला बनाने में व्यस्त है और कोई गिरती हुई पत्तियों को थामने के लिए लगा हुआ है जब तक बच्चों को नानी-दादी अपनी पुरानी कहानियाँ, कल्पनिक कहानियाँ सुनती रहेगी तथा जब तक यात्रियों को पहुँचाने वाली रेल आती रहेगी, तब तक कठिन समय नहीं आ सकता।  अर्थात् जितनी भी क्रियाएँ समान्यरूप से हो रही है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि इस दुनिया में, जीवन में कठिन समय की शुरुआत हो गई है। चिड़िया अपना काम कर रही है उसका काम है घोसला बनाना और अण्डे देना, अपने बच्चों को सहेज कर रखना

8.6.2 यह सबसे कठिन समय नहीं - अभ्यास yaha sabse Kathin Samaya Nahi

  8.6.2 यह सबसे कठिन समय नहीं - अभ्यास yaha sabse Kathin Samaya Nahi  - जया जादवानी लक्षित अधिगम बिंदु (TLO) 1. जीवन में सदा आशावादी रहने का संदेश प्राप्त होता है। 2. समय परिवर्तनशील है, बुरा समय अवश्य ही बीत जाएगा इस सत्य का बोध होगा। 3. कविता पठन/ गायन  कौशल का विकास।  ----------------------  प्रश्न-अभ्यास ----------------------   पाठ से प्रश्न 1  यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: "यह कठिन समय नहीं है?” – यह बताने के लिए कवि ने निम्नलिखित तर्क दिए हैं – 1. अभी भी चिड़िया चोंच में तिनका दबाए उड़ने को तैयार है क्योंकि वह नीड़ का निर्माण करना चाहती है। 2. ए क हाथ झड़ती हुई पत्ती को सहारा देने के लिए बैठा है। 3. अभी भी एक रेलगाड़ी गंतव्य अर्थात् पहुँचने वाले स्थान तक जाती है। 4. नानी की कथा का आखिरी हिस्सा बाकी है। 5. अभी भी एक बस अंतरिक्ष के पार की दुनिया से बचे हुए लोगों की खबर लाएगी। 6. अभी भी कोई किसी को कहता है कि जल्दी आ जाओ, सूरज डूबने का समय हो चला है। प्रश्न 2. चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में

हिंदी - निबंध Hindi Essay/ Nibandh

हिंदी - निबंध   Hindi Essay/ Nibandh  सारा जहां ये जानता है ये ही हमारी पहचान है,  संस्कृत से संस्कृति हमारी हिंदी से हिंदुस्तान है।        प्रत्येक राष्ट की अपनी भाषा होती है जिसका उपयोग देश में आधिकारिक कार्यों और अधिकांश लोगों द्वारा विचारों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है।   जब भारत स्वतंत्र हुआ तो देश के संविधान निर्माताओं ने आधिकारिक कार्यों के लिए देश की राजभाषा के रूप में हिंदी का चयन किया। क्योंकि हिंदी ही देश की एकमात्र संपर्क भाषा है जो पूर्व को पश्चिम से तथा उत्तर को दक्षिण से जोड़ती है। हिंदी भारत की सबसे लोकप्रिय तथा सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है जिसके माध्यम से हम भारत के किसी भी कोने में जाकर अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों में भी बोली तथा समझी जाती है। हमारे देश के 52 करोड़ लोगों (43% जनसंख्या) की हिंदी मातृभाषा अथवा प्रथम भाषा है, 57% लोगों की यह पहली, दूसरी अथवा तीसरी भाषा है परंतु एक अनुमान के अनुसार लगभग 80% से अधिक लोग हिंदी बोलते तथा समझते है।    हमारी एकता और अखंडता ही हमारे देश की पहचान है, हिन्दुस्तानी हैं हम