8.8.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 8, नए मेहमान Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 8, Naye Mehmaan

 8.8.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' 

अध्याय- 8, नए मेहमान 

Class- 8, NCERT Hindi Malhaar  

Chapter- 8, Naye Mehmaan 


शब्दार्थ –



पाठ से

मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

1. आगंतुकों ने विश्वनाथ के बच्चों को 'सीधे लड़के' किस संदर्भ में कहा?

  • अतिथियों की सेवा करने के कारण *
  • किसी तरह का प्रश्न न करने के कारण
  • आज्ञाकारिता के भाव के कारण *
  • गरमी को चुपचाप सहने के कारण

उत्तर: अतिथियों की सेवा करने के कारण, आज्ञाकारिता के भाव के कारण

2. "एक ये पड़ोसी हैं, निर्दयी..." विश्वनाथ ने अपने पड़ोसी को निर्दयी क्यों कहा?

  • उन्हें कष्ट में देखकर प्रसन्न होते हैं *
  • पड़ोसी किसी प्रकार का सहयोग नहीं करते हैं *
  • लड़ने-झगड़ने के अवसर ढूँढ़ते हैं
  • अतिथियों का अपमान करते हैं

उत्तर: उन्हें कष्ट में देखकर प्रसन्न होते हैं, 

पड़ोसी किसी प्रकार का सहयोग नहीं करते हैं

3. "ईश्वर करें इन दिनों कोई मेहमान न आए।" रेवती इस तरह की कामना क्यों कर रही है?

  • मेहमान के ठहरने की उचित व्यवस्था न होने के कारण *
  • रेवती का स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक न होने के कारण *
  • अतिथियों के आने से घर का कार्य बढ़ जाने के कारण *
  • उसे अतिथियों का आना-जाना पसंद न होने के कारण

उत्तर: मेहमान के ठहरने की उचित व्यवस्था न होने के कारण,

 रेवती का स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक न होने के कारण, 

अतिथियों के आने से घर का कार्य बढ़ जाने के कारण



4. "हे भगवान! कोई मुसीबत न आ जाए।" रेवती कौन-सी मुसीबत नहीं आने के लिए कहती है?

  • पानी की कमी होने की
  • पड़ोसियों के चिल्लाने की
  • मेहमानों के आने की *
  • गरमी के कारण बीमारी की

उत्तर: मेहमानों के आने की

5. इस एकांकी के आधार पर बताएँ कि मुख्य रूप से कौन-सी बात किसी रचना को नाटक का रूप देती है?

  • संवाद *
  • कथा
  • वर्णन
  • मंचन

उत्तर: संवाद



पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए।

  • "पानी पीते-पीते पेट फूला जा रहा है, और प्यास है कि बुझने का नाम नहीं लेती।"

उत्तर: अर्थ: विश्वनाथ कहता है कि वह बहुत सारा पानी पी रहा है, लेकिन गरमी इतनी ज्यादा है कि प्यास नहीं बुझ रही। यह पंक्ति शहर की भीषण गरमी और पानी की कमी को दर्शाती है।

  • "सारे शहर में जैसे आग बरस रही हो।"

उत्तर: अर्थ: रेवती कहती है कि पूरा शहर इतना गर्म है कि लगता है आग की बारिश हो रही है। यह गरमी की तीव्रता और असहजता को दिखाता है।

  • "यह तो हमारा ही भाग्य है कि चने की तरह भाड़ में भुनते रहते हैं।"

उत्तर: अर्थ: रेवती अपने दुखी जीवन की तुलना चने भूनने से करती है, जैसे वे गरमी और मुश्किलों में जल रहे हैं। यह उनकी तकलीफ और मजबूरी को बताता है।

  • "आह, अब जान में जान आई। सचमुच गरमी में पानी ही तो जान है।"

उत्तर: अर्थ: नन्हेमल ठंडा पानी पीने के बाद कहता है कि गरमी में पानी पीने से राहत मिलती है। यह पंक्ति पानी की अहमियत और गरमी की परेशानी को दर्शाती है।

कक्षा में साझा करने के लिए: इन पंक्तियों से पता चलता है कि एकांकी में गरमी और गरीबी की वजह से परिवार कितना परेशान है। आप अपने सहपाठियों से पूछ सकते हैं कि क्या वे इन पंक्तियों से परिवार की मजबूरी और गरमी की तीव्रता को समझ पाए।

मिलकर करें मिलान

स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उनसे मिलते-जुलते भाव दिए गए हैं। स्तंभ 1 की पंक्तियों को स्तंभ 2 की उनके सही भाव वाली पंक्तियों से रेखा खींचकर मिलाइए-

1 - 3

2 -4

3 -5

4 -1

5 -2



सोच-विचार के लिए

(क) “शहर में तो ऐसे ही मकान होते हैं।" नन्हेमल का 'ऐसे ही मकान' से क्या आशय है?
उत्तर:  नन्हेमल का मतलब है कि शहरों में छोटे, तंग और कम सुविधाओं वाले मकान आम हैं। विश्वनाथ का मकान छोटा है, जिसमें जगह की कमी, गरमी और हवा न होने की समस्या है। नन्हेमल यह कहकर शहरों की सामान्य मकान स्थिति को दर्शाता है।

(ख) पड़ोसी को विश्वनाथ से किस तरह की शिकायत है? आपके विचार से पड़ोसी का व्यवहार उचित है या अनुचित? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: 

  • शिकायत: पड़ोसी को शिकायत है कि विश्वनाथ के मेहमान उनकी छत पर गंदा पानी फैलाते हैं और उनकी खाट पर लेट जाते हैं।
  • उचित या अनुचित: पड़ोसी का व्यवहार अनुचित है।
  • तर्क:
    • पड़ोसी छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते हैं और विश्वनाथ के मेहमानों की गलती को बार-बार उजागर करते हैं, बिना उनकी मजबूरी समझे।
    • वे सहयोग करने की बजाय झगड़ा करते हैं, जैसे छत पर खाट बिछाने से मना करना।
    • हालांकि, छत पर गंदगी फैलाना गलत है, लेकिन पड़ोसी को इसे समझदारी से सुलझाना चाहिए था, न कि चिल्लाना।

(ग) एकांकी में विश्वनाथ नन्हेमल और बाबूलाल को नहीं जानता है, फिर भी उन्हें अपने घर में आने देता है। क्यों?
उत्तर: विश्वनाथ उन्हें इसलिए घर में आने देता है क्योंकि:

  • भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान माना जाता है, और विश्वनाथ अतिथि सत्कार की परंपरा निभाता है।
  • उसे लगता है कि शायद कोई परिचित ने उन्हें भेजा हो, जैसे संपतराम या जगदीशप्रसाद।
  • वह मेहमानों को रात में भटकने से बचाने के लिए उन्हें अंदर बुलाता है।

(घ) एकांकी के उन संवादों को ढूँढ़कर लिखिए जिनसे पता चलता है कि बाबूलाल और नन्हेमल विश्वनाथ के परिचित नहीं हैं?
उत्तर: 

  • विश्वनाथ: "मैं संपतराम को नहीं जानता।"
  • नन्हेमल: "संपतराम को जानने की... क्यों, वह तो आपसे मिले हैं।"
  • विश्वनाथ: "मैं कविराज तो नहीं हूँ?"
  • नन्हेमल: "हमें याद नहीं आ रहा। हमें तो जो पता दिया था उसी के सहारे आ गए।"
  • विश्वनाथ: "जिनके यहाँ आपको जाना था, वह काम क्या करते हैं?"
  • बाबूलाल: "मेरे सामने तो कोई बात ही नहीं हुई। मैं तो सामान लेने चला गया था।"

ये संवाद दिखाते हैं कि नन्हेमल और बाबूलाल विश्वनाथ को ठीक से नहीं जानते और गलत जगह आ गए हैं।

(ङ) एकांकी के उन वाक्यों को ढूँढ़कर लिखिए जिनसे पता चलता है कि शहर में भीषण गरमी पड़ रही है।
उत्तर:

  • "ओफ, बड़ी गरमी है!"
  • "सारे शहर में जैसे आग बरस रही हो।"
  • "प्यास है कि बुझने का नाम नहीं लेती।"
  • "यह तो हमारा ही भाग्य है कि चने की तरह भाड़ में भुनते रहते हैं।"
  • "सचमुच गरमी में पानी ही तो जान है।"
  • "चारों तरफ दीवारें तप रही हैं।"
  • "फिर भी पसीने से नहा गया हूँ।"







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