Posts

Showing posts from October, 2025

6.7.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय-7, जलाते चलो Class-6, NCERT Hindi Malhaar Lesson- 7, Jalate Chalo

Image
  6.7.2 कक्षा-6, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय-7,  जलाते चलो  Class-6, NCERT Hindi Malhaar   Lesson- 7, Jalate Chalo  --------------------------                                  शब्दार्थ :        पाठ से  मेरी समझ से (क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-  (1) निम्नलिखित में से कौन-सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है?  भलाई के कार्य करते रहना (★)  दीपावली के दीपक जलाना बल्ब आदि जलाकर अंधकार दूर करना तिमिर मिलने तक नाव चलाते रहना  उत्तर: भलाई के कार्य करते रहना  (2) “जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की, चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी” यह वाक्य किससे कहा गया है?  तूफ़ान से  मनुष्यों से (★) दीपकों से  तिमिर से  उत्तर: मनुष्यों से  मिलकर करें मिलान  कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके...

8.6.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 6, एक टोकरी भर मिट्टी Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 6, Ek Tokri Bhar Mitti

Image
  8.6.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'  अध्याय- 6, एक टोकरी भर मिट्टी Class- 8, NCERT Hindi Malhaar   Chapter- 6, Ek Tokri Bhar Mitti शब्दार्थ – ज़मींदार – वह व्यक्ति जिसे किसी विशेष भूमि पर स्वामित्व प्राप्त हो, ज़मीन का मालिक, भू-स्वामी वृद्धा – महिला बुजुर्ग  झोंपड़ी – कुटिया, घास-फूस से बनी छत का छोटा कच्चा घर अहाता – दीवार आदि से घिरा हुआ स्थान, बाड़ा, चारदीवारी बहुतेरा – बहुत बार, कई बार, बहुत तरह से, अनेक प्रकार से ज़माने – युग, दौर, समय, काल, वक्त बसना – रहना, ठहरना   मेरी समझ से  मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं। 1. ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? झोंपड़ी जर्जर हो चुकी थी झोंपड़ी रास्ते में बाधा थी वह अहाते का विस्तार करना चाहता था * वृद्धा से उसका कोई पुराना झगड़ा था मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।  1. ज़मींदार को झोंपड़ी ह...