7.7.2 कक्षा- 7, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय 7, वर्षा बहार (कविता) Class -7, NCERT Hindi Malhaar Chapter 7, Varsha Bahaar

  7.7.2 कक्षा- 7,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' 

अध्याय 7, वर्षा बहार (कविता)

Class -7, NCERT Hindi Malhaar  

Chapter 7, Varsha Bahaar 


                            --- शब्दार्थ --- 

वर्षा-बहार: बारिश की सुंदरता और खुशी। 

नभ: आकाश। 

छटा: सुंदर दृश्य। 

घनघोर: घने बादल। 

सौरभ: खुशबू। 

आमोद: आनंद, खुशी।

 जलचर: पानी में रहने वाले जीव। 

पपीहे: एक प्रकार का पक्षी। 

ग्रीष्म ताप: गर्मी की गर्माहट। 

मनहर: मन को आकर्षित करने वाला।

 निर्भर: आधारित, टिका हुआ।



मेरी समझ से  

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?

  • दुख और निराशा
  • आनंद और प्रसन्नता  (*)
  • भय और चिंता
  • क्रोध और विरोध

उत्तर: आनंद और प्रसन्नता

(2) “नभ में छटा अनूठी” और “घनघोर छा रही है” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?

  • बादलों के घिरने का दृश्य ​  (*)
  • बिजली के गिरने का दृश्य
  • ठंडी हवा के बहने का दृश्य
  • आमोद छा जाने का दृश्य

उत्तर: बादलों के घिरने का दृश्य

(3) कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि—

  • कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है। 
  • वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं। (*)
  • वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है। (*)
  • वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है। (*)

उत्तर: वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।
वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।
वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।

(4) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर” इस पंक्ति का क्या अर्थ है?

  • प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
  • वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।*
  • बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।
  • हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।*

उत्तर: वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।
हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।


पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और विचार करें। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए—

(क) “फिरते लाखों पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते
करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।”
उत्तरअर्थः गर्मी की ऋतु में जो पपीहे तपन से व्याकुल थे, वे अब वर्षा के आगमन से राहत महसूस कर रहे हैं और उड़ते-फिरते दिखाई देते हैं। वहीं, मोर वर्षा के स्वागत में वन में नृत्य कर रहे हैं।
मेरे विचारः इन पंक्तियों में वर्षा ऋतु के आने पर पपीहों की प्रसन्नता और मोरों के नृत्य का सुंदर दृश्य दिखाया गया है। 

(ख) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर, गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर।”
उत्तरअर्थः हंस एक सीधी और अनुशासित कतार में चलते हैं, जो देखने में बहुत सुंदर लगता है। किसान भी वर्षा के समय प्रसन्न होकर मन लगाकर गीत गाते हुए खेतों में काम करते हैं।
मेरे विचारः यहाँ पर हंसों की सुंदर कतार में उड़ने का दृश्य और किसानों की प्रसन्नता को दर्शाया गया है। बारिश के कारण किसान आनंदित होकर गीत गाते हैं और हंस सुंदर पंक्ति में चलकर दृश्य को और मनमोहक बना देते हैं। 


मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ स्तंभ 1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 की पंक्तियों का स्तंभ 2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान करें


1- 2

2-6

3-1

4-3

5-5

6-4


सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए—
(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?
उत्तर: कविता में मालिनें और किसान गीत गा रहे हैं। मालिनें बागों में सुंदर गीत गाती हैं क्योंकि वर्षा ऋतु के कारण बागों में हरियाली और फूल खिल उठे हैं, जिससे वातावरण सुखद हो गया है। किसान भी मनोहारी गीत गाते हैं क्योंकि वर्षा होने से उनकी फसलें अच्छी होंगी और खेती सफल होगी। 


(ख) "बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं" 
 "तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते"
दी गई दोनों पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए। इनमें वर्षा के दो अलग-अलग दृश्य दर्शाए गए हैं। इन दोनों में क्या कोई अंतर है? क्या कोई संबंध है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर: दोनों पंक्तियाँ वर्षा ऋतु के दृश्य को दर्शाती हैं, लेकिन इनका फोकस अलग है।

  • पहली पंक्ति में आकाश का दृश्य है — बिजली चमकना और बादलों का गरजना। यह वातावरण में उत्साह, रहस्य और परिवर्तन का संकेत देता है।
  • दूसरी पंक्ति में तालाब के जलजीवों की खुशी दिखाई गई है — वर्षा के कारण पानी बढ़ने से वे प्रसन्न हैं।

संबंध: दोनों पंक्तियाँ वर्षा के कारण होने वाले परिवर्तनों को दिखाती हैं — एक वातावरण में (आकाशीय दृश्य), दूसरी जीवन में (जलचर की खुशी)। दोनों मिलकर वर्षा का सम्पूर्ण प्रभाव दिखाती हैं।

(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: कविता ‘वर्षा-बहार’ में वर्षा ऋतु की सुंदरता और आनंद का वर्णन किया गया है। कवि ने बताया है कि बरसात के मौसम में सब कुछ ताजगी और खुशी से भर जाता है—बादल, बिजली, झरने, हवा, पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सभी आनंदित हो जाते हैं। प्रकृति की हर चीज़ में एक नई ऊर्जा और खुशी आ जाती है। इसलिए वर्षा को धरती की शोभा और जीवन का आधार कहा गया है।

(घ) "खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है" इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?
उत्तर: इस पंक्ति का मुख्य उद्देश्य गुलाब की सुंदरता और उसकी खुशबू को दर्शाना है, लेकिन इसका एक और गहरा अर्थ भी है। यहाँ गुलाब की खिलावट और सौरभ के माध्यम से वर्षा ऋतु में प्रकृति की ताजगी, आनंद और प्रसन्नता का अनुभव कराया गया है। 

(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे— ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना’। इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा-बहार’ क्यों रखा गया है।
उत्तर:
सकारात्मक गतिविधियों वाली पंक्तियाँ:

  • "बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब" (गीत गाना)
  • "करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे" (नृत्य करना)
  • "मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे" (गीत गाना)
  • "खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है" (सुगंध फैलाना)
  • "गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर" (गीत गाना)

शीर्षक ‘वर्षा-बहार’ क्यों?:

  • "वर्षा-बहार" शीर्षक वर्षा के साथ आने वाली खुशी और उत्सव को दर्शाता है। ये सकारात्मक गतिविधियाँ जैसे गीत गाना, नृत्य करना, और सुगंध फैलाना दिखाती हैं कि वर्षा प्रकृति और मनुष्यों में नई ऊर्जा और आनंद भर देती है।
  • "बहार" शब्द वसंत या खुशी का प्रतीक है, और वर्षा इस खुशी को लाती है, जिससे यह शीर्षक उपयुक्त है।

अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—

(क) "सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर" कविता में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है?
उत्तर:
मानव जीवन पर प्रभाव:

  • कृषि पर असर: बिना वर्षा के फसलें नहीं उगेंगी, जिससे भोजन की कमी हो सकती है।
  • पानी की कमी: नदियाँ, तालाब, और कुएँ सूख जाएँगे, जिससे पीने और सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा।
  • आर्थिक नुकसान: किसानों की आय कम होगी, और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी।

पशु-पक्षियों पर प्रभाव:

  • खाद्य और पानी की कमी: जंगल सूख जाएँगे, जिससे पशु-पक्षियों को भोजन और पानी नहीं मिलेगा।
  • प्रजनन पर असर: पानी की कमी से कई प्रजातियों का जीवन चक्र प्रभावित होगा।
  • आवास का नुकसान: सूखे के कारण जंगल और तालाब सूख जाएँगे, जिससे पशु-पक्षियों के रहने की जगह कम होगी।

(ख) "बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं" बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं। इन घटनाओं का लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है?
(संकेत – आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)
उत्तर:
सकारात्मक प्रभाव:

  • वर्षा की शुरुआत: बिजली और बादल वर्षा का संकेत देते हैं, जो फसलों और पानी की उपलब्धता के लिए अच्छा है।
  • प्रकृति की सुंदरता: बिजली की चमक और बादलों की गर्जना प्रकृति की शक्ति और सुंदरता को दर्शाती हैं, जो लोगों को आनंद देती हैं।

नकारात्मक प्रभाव:

  • भय और खतरा: बिजली गिरने से लोगों, पशुओं, और संपत्ति को नुकसान हो सकता है।
  • बाढ़ का खतरा: तेज गर्जना के साथ भारी वर्षा से बाढ़ आ सकती है, जो फसलों और घरों को नष्ट कर सकती है।
  • यातायात में रुकावट: बिजली और गर्जना के साथ तेज वर्षा सड़कों को बंद कर सकती है।

(ग) "करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे" इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?
उत्तर: वर्षा आने पर पक्षी और जीव बहुत खुश हो जाते हैं। मोर अपने पंख फैलाकर वन में नृत्य करते हैं। मेंढक मिठे गीत गाकर आनंद जाहिर करते हैं। बागों में जीव-जन्तु प्रसन्न होकर उछलते-कूदते हैं। जल के जीव, जैसे मछलियाँ, तालाबों में खुश होकर तैरती हैं। पपीहे की आवाज गूंजती है और वातावरण में सजीवता व ताजगी छा जाती है। इस तरह सभी जीव-जन्तु अपनी-अपनी खुशी व्यक्त करते हैं।



विशेषण

"बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब"
इस पंक्ति में ‘सुंदर’ शब्द ‘गीत’ की विशेषता बता रहा है, अर्थात यह ‘विशेषण’ है। ‘गीत’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है, अर्थात यह ‘विशेष्य’ शब्द है।

(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए—



 
विशेषण विशेषय  
1 अनूठी, छटा 

2 सुंदर, कतार

3 प्यारे,  सुगीत

4 ठंडी,  हवा


नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए—


उत्तर: 

1. वर्षा - सुहानी रिमझिम

2  पानी -  शीतल , स्वच्छ 

3 बादल - काले, घने 

4. डालियाँ -   हरी  लहराती 

5. गुलाब - सुंदर सुगंधित 




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