7.6.2 कक्षा- 7, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया (कविता) Class -7, NCERT Hindi Malhaar Chapter 6 Giridhar Kaviraaya ki Kundaliyan

 7.6.2 कक्षा- 7,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' 

अध्याय 6 

 गिरिधर कविराय की कुंडलिया (कविता)

Class -7, NCERT Hindi Malhaar  

Chapter 6 Giridhar Kaviraaya ki Kundaliyan 


                            --- शब्दार्थ --- 

मेरी समझ से 

पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (★ ) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।


1 बिना बिचारे” काम करने के क्या परिणाम होते हैं?


दूसरों से प्रशंसा मिलती है।

मन में शांति बनी रहती है।

अपना काम बिगड़ जाता है।

खान-पान सम्मान मिलता है।

उत्तर:

अपना काम बिगड़ जाता है। * 


2 चित्त में चैन” न पा सकने का मुख्य कारण क्या है?


प्रयास करने पर भी टाला न जा सकने वाला दुख

बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता

खान-पान, सम्मान और राग-रंग का अभाव

दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास

उत्तर:

बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता (*) दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास (*)



3 बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ” पंक्ति द्वारा कौन-सी सलाह दी गई है ?


भविष्य की सफलता के लिए अतीत की गलतियों से सीखने की

अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की

अतीत और भविष्य दोनों घटनाओं को समान रूप से याद रखने की

अतीत और भविष्य दोनों को भूलकर केवल वर्तमान में जीने की

उत्तर:


अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की



4 जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ” पंक्ति का क्या अर्थ है ?


हमें कठिनाइयों और चुनौतियों से बचना चाहिए।

हमें आराम की तलाश करने में मन लगाना चाहिए।

हमें असंभव और कठिन कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।

हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।

उत्तर:

हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।



पंक्तियों पर चर्चा 

 पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-


(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।

काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।।”

उत्तर:

जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कोई काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है। ऐसा व्यक्ति न केवल अपना काम बिगाड़ लेता है, बल्कि समाज के लोगों द्वारा उसका उपहास भी किया जाता है। अर्थात जब हम किसी काम को जल्दबाज़ी में, बिना सोच-विचार के करते हैं, तो उसका परिणाम अकसर नकारात्मक ही होता है। ऐसे में हमारे द्वारा किया गया काम तो बिगड़ता ही है, साथ ही समाज में बनी हमारी छवि भी खराब होती है। उदाहरण के तौर पर, जब कोई छात्र बिना सोच-विचार के परीक्षा में नकल करता है और वह पकड़ा जाता है तो उसकी बदनामी तो होती ही है, साथ में उसे परीक्षा से बाहर भी कर दिया जाता है और बाद में वह खुद पछताता है कि उसने ऐसा क्यों किया।


(ख)  बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।

जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ।। ”

उत्तर:

जीवन में व्यर्थ की चिंता और पछतावे से कोई लाभ नहीं होता। बीते समय को याद कर दुखी होने से बेहतर है कि हम अपने वर्तमान को सँवारने हेतु प्रयासरत रहें । अतीत को याद करके दुखी होना हमारी ऊर्जा और समय की बर्बादी है। जो कार्य सहजता से हो जाएँ, उन में ही मन लगाना चाहिए, जबरदस्ती और हठ से जीवन में उलझनें ही बढ़ती हैं; जैसे- एक क्रिकेट खिलाड़ी ने पिछला मैच बहुत खराब खेला और उसकी वजह से टीम हार गई। अगर वह खिलाड़ी अगले मैच में भी उसी हार के बारे में सोचता रहेगा, तो वह पुनः आशाजनक प्रदर्शन नहीं कर पाएगा।


मिलकर करें मिलान 

1 - 2 

2 - 1 

3 - 4 

4 - 3 


सोच विचार के लिए 

(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ”

कविता में बिना विचार किए कार्य करने के क्या नुकसान बताए गए हैं?

उत्तर:

कविता में बिना विचार किए कार्य करने के निम्नलिखित नुकसान बताए गए हैं- 

व्यक्ति अपना काम बिगाड़ लेता है।

अपमान और हँसी का पात्र बनता है।

सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है, इसके कारण उसका मन अशांत हो जाता है।

जीवन की सामान्य सुख-सुविधाओं से भी उसकी अरुचि हो जाती है। उसे खाना-पीना अच्छा नहीं लगता, आनंद की चीज़े भी नहीं भातीं।


(ख) बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”

कुंडलिया में जो बातें सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, क्या वे आपके लिए भी उपयोगी हैं? कैसे? उदाहरण देकर समझाइए |

उत्तर:

जी हाँ, इस कुंडलिया में जो बात सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, वे हमारे लिए आज भी महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। हम बच्चे प्रायः भावनाओं में बहकर, जल्दबाजी में या दूसरों की नकल करके कोई ऐसा कार्य कर देते हैं जिसके कारण हमें बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें हर काम सोच-समझकर करना चाहिए । 

एक दिन मैंने अपना गृहकार्य अपने मित्र की कॉपी से देखकर पूरा किया। अध्यापिका जी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सभी विद्यार्थियों के सामने मुझे डाँटकर समझाया कि ऐसा करके हम आगे नहीं बढ़ सकते। कक्षा के अन्य विद्यार्थियों के सामने मुझे इसके कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। मुझे लगा कि काश ! मैंने यह न किया होता।


(ग) खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥ ”

इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए। प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।

उत्तर: 

सन्मान – आदर-सम्मान, प्रतिष्ठा

हमें अपने बड़ों का सन्मान करना चाहिए।

मनहिं- ‘मन + ही’ का अपभ्रंश रूप है।

तरुण बहुत दुबला-पतला है क्योंकि उसे पौष्टिक आहार मनहिं नहीं भाता ।

भावै – अच्छा या रुचिकार लगना

जिसके जैसे विचार, उसे वैसे ही लोग भावै ।


अनुमान और कल्पना से 

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-


(क) आपने पढ़ा है कि “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय…।” कल्पना कीजिए कि आपके एक मित्र ने बिना सोचे-समझे एक बड़ा निर्णय लिया है। वह निर्णय क्या था और उसका क्या प्रभाव पड़ा? इसके बारे में एक रोचक कहानी अपने साथियों के साथ मिलकर बनाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर:

मेरे मित्र ने बिना सोचे-समझे एक दिन यह निर्णय लिया कि वह इस बार होने वाली परीक्षा में प्रत्येक पेपर से दो-तीन दिन पहले तैयारी करके ही परीक्षा देने जाएगा । उसे यह आशा थी कि उसके लिए पेपर हर बार की तरह ही आसान होगा, इसलिए उसने परीक्षा की तैयारी समुचित तरीके से नहीं की। 

जब परीक्षा हुई तो पेपर में कई ऐसे सवाल आए जिनकी तैयारी उसने ठीक से नहीं की थी। नतीजा यह हुआ कि उसके कम अंक आए और उसका आत्मविश्वास भी डगमगा गया।


(ख) कल्पना कीजिए कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ… ।” कविता निम्नलिखित के लिए लिखी गई है- 

आप

आपका कोई सहपाठी

आपका कोई परिजन

आपके कोई शिक्षक

कोई पक्षी

कोई पशु

इनकी कौन-कौन सी समस्याएँ होंगी ? यह कविता उन्हें कैसे प्रेरित करेगी?


उत्तर:

मान लीजिए कि कविता आपके लिए लिखी गई है। एक सातवीं कक्षा के विद्यार्थी के तौर पर आपकी एक समस्या हो सकती है – हर महीने होने वाली कक्षा परीक्षा से पहले बेचैनी होना। इस कारण रात को ठीक से सो न पाना । यह कविता हमें इस तरह प्रेरित कर सकती है-


जो भी कक्षा परीक्षाएँ पूर्व में हो चुकी हैं, उन्हें भूलकर, नए जोश से आगे बढ़ें।

पूर्व परीक्षाओं में किसी पेपर में आए खराब अंक को बिलकुल भूल जाएँ।

कक्षा – परीक्षा से एक दिन पूर्व 10 मिनट ध्यान करें ताकि मन को शांत किया जा सके। शांत चित्त से अच्छी नींद आएगी और दिमाग भी तरोताजा रहेगा। सुबह जल्दी उठकर संक्षिप्त अभ्यास किया जा सकता।


(ग) कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो हमेशा बीती बातों में खोया रहता है। आप उसे समझाने के लिए क्या-क्या कहेंगे?

उत्तर:

जब मैं ऐसे व्यक्ति से मिलूँगा तो मैं उन्हें समझाऊँगा कि आपके भीतर अपनी चुनौतियों से लड़ने की, अपने मन को हलका करने की और वर्तमान को अपनी मेहनत और विश्वास से सँवारने की पूरी शक्ति है। अतः आप बीती बातों को भूलकर अपने वर्तमान को अच्छा बनाने का प्रयास करें।


इसके लिए आप प्रतिदिन दो से तीन बार ध्यान की मुद्रा में रह सकते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करके मन को शांति प्रदान करता है। जब- जब आप बीती बातों को सोचने लगें और इससे आपकी मनोदशा पर असर पड़ रहा हो तो किसी रचनात्मक कार्य में लग जाए या अपने किसी विश्वस्त मित्र के साथ सहज संवाद करके मन को हलका करें।


शब्द से जुड़े शब्द


• नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘चित्त’ या ‘मन’ से जुड़े शब्द कुंडलियों में से चुनकर लिखिए-

उत्तर - 

एकाग्रता

चैन 

संतोष

ध्यान

स्मृति

आत्मविश्वास

आत्मज्ञान

मन (चित्त)




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