8.1.1 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय 1 स्वदेश (कविता) Class -8, NCERT Hindi Malhaar Chapter 1 Svadesh (Kavita/Poem) --- शब्दार्थ --- स्वदेश वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। जो जीवन जोश जगा न सका, उस जीवन में कुछ सार नहीं। जो चल न सका संसार-संग, उसका होता संसार नहीं। जिसने साहस को छोड़ दिया, वह पहुँच सकेगा पार नहीं। जिससे न जाति-उद्धार हुआ, होगा उसका उद्धार नहीं। जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रस-धार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।। --- भावार्थ कवि ने इस कविता में देशप्रेम का महत्व बताया है। कवि कहते हैं कि वह हृदय पत्थर के समान कठोर है जिसमें अपने देश के लिए प्रेम नहीं है। जिस जीवन में देश के लिए उत्साह और जोश न हो, वह जीवन निरर्थक है। जो व्यक्ति संसार के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पाता, उसका जीवन अधूरा है। यदि कोई साहस को छोड़ देता है तो वह कभी सफलता की ऊँचाइ...