8.11 सूरदास के पद Surdaas Ke Pad


सूरदास के पद Surdaas Ke Pad


1. बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?

Solution: माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को बताया की दूध पीने से उनकी चोटी बलराम भैया की तरह हो जाएगी। श्रीकृष्ण अपनी चोटी बलराम जी की चोटी की तरह मोटी और बड़ी करना चाहते थे इस लोभ के कारण वे दूध पीने के लिए तैयार हुए।


Question 2. श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?

Solution: श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी बलराम भैया की तरह लम्बी, मोटी हो जाएगी फिर वह नागिन जैसे लहराएगी।


दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?

Solution: दूध की तुलना में श्रीकृष्ण को माखन-रोटी अधिक पसंद करते हैं।


Question 4. ‘तैं ही पूत अनोखी जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?

Solution: ‘तैं ही पूत अनोखी जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन

में यशोदा के लिए कृष्ण जैसा पुत्र पाने पर ईर्ष्या की भावना व कृष्ण के उनका माखन चुराने पर क्रोध के भाव मुखरित हो रहे हैं। इसलिए वह यशोदा माता को उलाहना दे रही हैं।


5. मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?

Solution: श्रीकृष्ण को माखन ऊँचे टंगे छींकों से चुराने में दिक्कत होती थी इसलिए माखन गिर जाता था तथा चुराते समय वे आधा माखन खुद खाते हैं व आधा अपने सखाओं को खिलाते हैं। जिसके कारण माखन जगह-जगह ज़मीन पर गिर जाता है।


6. दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?

Solution: दोनों पदों में प्रथम पद सबसे अच्छा लगता है। क्योंकि यहाँ बाल स्वभाववश प्राय: श्रीकृष्ण दूध पीने में आनाकानी किया करते थे। तब एक दिन माता यशोदा ने प्रलोभन दिया कि कान्हा ! तू नित्य कच्चा दूध पिया कर, इससे तेरी चोटी दाऊ (बलराम) जैसी मोटी व लंबी हो जाएगी। मैया के कहने पर कान्हा दूध पीने लगे। अधिक समय बीतने पर श्रीकृष्ण अपने बालपन के कारण माता से अनुनय-विनय करते हैं कि तुम्हारे कहने पर मैंने दूध पिया पर फिर भी मेरी चोटी नहीं बढ़ रही। उनकी माता से उनकी नाराज़गी व्यक्त करना, दूध न पीने का हट करना, बलराम भैया की तरह चोटी पाने का हट करना हृदय को बड़ा ही आनंद देता है।


7. दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकृष्ण की उम्र क्या रही होगी?

Solution: दूसरे पद को पढ़कर लगता है कि उस समय श्रीकृष्ण की उम्र चार से सात साल रही होगी तभी उनके छोटे-छोटे हाथों से सावधानी बरतने पर भी माखन बिखर जाता था।


भाषा की बात 

श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा-चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दीजिए।

Solution: माखन चुरानेवाला – माखनचोर


Question 2. श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।

Solution: श्रीकृष्ण के पर्यायवाची शब्द – गोविन्द, रणछोड़, वासुदेव, मुरलीधर, नन्दलाल।


Question 3.


कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे –

पर्यायवाची चंद्रमा-शशि, इंदु, राका मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप सूर्य-रवि, भानु, दिनकर

विपरीतार्थक 

दिन-रात

श्वेत-श्याम

शीत-उष्ण


पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।


Solution:


पर्यायवाची शब्द

बेनी – चोटी

मैया – जननी, माँ, माता

दूध – दुग्ध, पय, गोरस

काढ़त – गुहत

बलराम – दाऊ, हलधर

ढोटा – सुत, पुत्र, बेटा

विपरीतार्थक शब्द 

लम्बी – छोटी

स्याम – श्वेत

संग्रह – विग्रह

विज्ञ – अज्ञ

रात – दिन

प्रकट – ओझल


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