8.6.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 6, एक टोकरी भर मिट्टी Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 6, Ek Tokri Bhar Mitti
8.6.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार'
अध्याय- 6, एक टोकरी भर मिट्टी
Class- 8, NCERT Hindi Malhaar
Chapter- 6, Ek Tokri Bhar Mitti
शब्दार्थ –
ज़मींदार – वह व्यक्ति जिसे किसी विशेष भूमि पर स्वामित्व प्राप्त हो, ज़मीन का मालिक, भू-स्वामी
वृद्धा – महिला बुजुर्ग
झोंपड़ी – कुटिया, घास-फूस से बनी छत का छोटा कच्चा घर
अहाता – दीवार आदि से घिरा हुआ स्थान, बाड़ा, चारदीवारी
बहुतेरा – बहुत बार, कई बार, बहुत तरह से, अनेक प्रकार से
ज़माने – युग, दौर, समय, काल, वक्त
बसना – रहना, ठहरना
मेरी समझ से
मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं। 1. ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? झोंपड़ी जर्जर हो चुकी थी झोंपड़ी रास्ते में बाधा थी वह अहाते का विस्तार करना चाहता था * वृद्धा से उसका कोई पुराना झगड़ा था
मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।
1. ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
झोंपड़ी जर्जर हो चुकी थी
झोंपड़ी रास्ते में बाधा थी
वह अहाते का विस्तार करना चाहता था *
वृद्धा से उसका कोई पुराना झगड़ा था
2 वृद्धा ने मिट्टी ले जाने की अनुमति कैसे माँगी ?
क्रोध और झगड़ा करके
अदालत से अनुमति लेकर
विनती और नम्रता से*
चुपचाप उठाकर ले गई
3 वृद्धा की पोती का व्यवहार किस भाव को दर्शाता है ?
दया
लगाव*
गुस्सा
डर
4 कहानी का अंत कैसा है
दुखद
सुखद *
प्रेरणादायक *
सकारात्मक
उत्तर: सुखद, प्रेरणादायक
मिलान
1 अ
2 ब
3 ब
4 अ
5 ब
6 अ
7 ब
8 अ
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे?"
उत्तर: इन पंक्तियों से हमें यह समझ आता है कि वृद्धा ज़मींदार को अप्रत्यक्ष रूप से यह समझाना चाहती थी कि इतने बड़े अन्याय का नैतिक भार उठाना आसान नहीं होता है। ज़मींदार ने उसे झोंपड़ी से बाहर निकालकर नैतिकता के विरुद्ध कार्य किया है।
(ख) “ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए, पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।"
उत्तर: इन पंक्तियों का हमें यह अर्थ समझ में आता है कि टोकरी – भर मिट्टी का जो भार था, सो तो था ही किंतु उससे कहीं ज्यादा ज़मींदार के हृदय में यह बात थी कि वह वृद्धा के साथ नैतिकता के आधार पर अन्याय कर रहा है। यही सोच कर उससे टोकरी एक हाथ ऊँची भी नहीं उठाई गई।
सोच-विचार के लिए
पाठ को पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए।
(क) आपके विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र कौन है और क्यों?
उत्तर: मेरे विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र वृद्धा है। वह इसलिए प्रभावशाली है क्योंकि उसने अपनी समझदारी और धैर्य से ज़मींदार को अपनी गलती का एहसास कराया। उसने मिट्टी की टोकरी का इस्तेमाल करके ज़मींदार को सिखाया कि अन्याय का बोझ उठाना आसान नहीं है।
(ख) वृद्धा की पोती ने खाना क्यों छोड़ दिया था?
उत्तर: वृद्धा की पोती ने खाना छोड़ दिया था क्योंकि उसे अपनी पुरानी झोंपड़ी की बहुत याद आती थी। जब झोंपड़ी छिन गई, तो वह उदास हो गई और कहा कि वह सिर्फ अपने घर की रोटी खाएगी। इसलिए उसने खाना-पीना बंद कर दिया।
(ग) ज़मींदार ने झोंपड़ी पर कब्जा कैसे किया?
उत्तर: ज़मींदार ने वकीलों की मदद से अदालत में केस लड़ा। उसने वकीलों को पैसे देकर उनकी थैली गरम की और कानूनी चाल चलकर वृद्धा की झोंपड़ी पर कब्जा कर लिया।
(घ) “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा...”। द्वारा सिर हिलाने की इस क्रिया का क्या अर्थ है? यहाँ ज़मींदार
उत्तर: ज़मींदार का सिर हिलाना इसका मतलब है कि उन्होंने वृद्धा को बोलने की इजाजत दे दी। यह दिखाता है कि वह उसकी बात सुनने को तैयार था, हालांकि पहले वह नाराज था। यह एक छोटा सा संकेत था कि ज़मींदार का मन थोड़ा नरम हो रहा था।
(ङ) “किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने आगे बढ़े।” यहाँ ज़मींदार के व्यवहार में परिवर्तन का आरंभ दिखाई देता है। पहले ज़मींदार का व्यवहार कैसा था? इस घटना के बाद उसके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर: पहले ज़मींदार का व्यवहार अहंकारी और कठोर था। वह वृद्धा को जबरदस्ती झोंपड़ी से निकालना चाहता था और उसकी परवाह नहीं करता था। लेकिन जब उसने खुद टोकरी उठाने की कोशिश की और असफल रहा, तो उसका मन बदलने लगा। उसे दया आई और वह वृद्धा की मदद करने को तैयार हुआ, जो उसके व्यवहार में नरमी लाया।
(च) "उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।" ज़मींदार ने ऐसा क्यों किया?
उत्तर: ज़मींदार ने यह किया क्योंकि उसे अपनी गलती का एहसास हो गया। वृद्धा की बातों और टोकरी की घटना ने उसे समझाया कि उसका अन्याय सही नहीं था। पछतावा होने पर उसने वृद्धा से माफी मांगी और झोंपड़ी लौटा दी।
अनुमान और कल्पना से
(क) यदि वृद्धा की पोती ज़मींदार से स्वयं बात करती तो वह क्या कहती?
उत्तर: अगर वृद्धा की पोती ज़मींदार से बात करती, तो शायद वह कहती, "महाराज, मेरी दादी की झोंपड़ी हमारा घर है। वहाँ मेरे माता-पिता की यादें हैं। कृपया हमें वहाँ रहने दें, वरना मैं और मेरी दादी दुखी रहेंगी।" वह अपनी उदासी और प्यार से ज़मींदार का मन बदलने की कोशिश करती।
(ख) यदि आप ज़मींदार की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर: अगर मैं ज़मींदार होता, तो मैं वृद्धा से प्यार से बात करता। मैं उसकी झोंपड़ी न लेता और उसे वहीं रहने देता। अगर मुझे जगह चाहिए होती, तो मैं कहीं और बनवाता, ताकि वृद्धा और उसकी पोती को दुख न हो।
(ग) ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता क्यों नहीं मिली होगी?
उत्तर: ज़मींदार को टोकरी नहीं उठा पाया होगा क्योंकि वह बहुत भारी थी। शायद उसने पहले कभी इतना मेहनत का काम नहीं किया था, और उसका अहंकार उसे कमजोर बना रहा था। यह भी हो सकता है कि मिट्टी का वजन उसकी ताकत से ज्यादा था।
(घ) “झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है...”। यहाँ केवल मिट्टी की बात की जा रही है या कुछ और बात भी छिपी है? (संकेत- मिट्टी किस बात का प्रतीक हो सकती है? मिट्टी के बहाने वृद्धा क्या कहना चाहती है?)
उत्तर: यहाँ केवल मिट्टी की बात नहीं है, बल्कि कुछ और भी छिपा है। मिट्टी वृद्धा की यादों, दुखों और झोंपड़ी के महत्व का प्रतीक बनती है। वृद्धा कहना चाहती है कि ज़मींदार ने उसका घर छीना, जो उसके लिए बहुत कीमती था, और इसका बोझ ज़मींदार कभी नहीं उठा सकता।
(ङ) यह कहानी आज से लगभग सवा सौ साल पहले लिखी गई थी। इस कहानी के आधार पर बताइए कि भारत में स्त्रियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा?
उत्तर: उस समय भारत में स्त्रियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था: विधवा होने पर सहारा न मिलना संपत्ति पर अधिकार न होना आर्थिक रूप से निर्भर रहना समाज में उनकी भावनाओं की अनदेखी होना अकेले बच्चों का पालन-पोषण करना कठिन होना।
'कि' और 'की' का उपयोग
इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
अब नीचे दिए गए वाक्यों में इन दोनों शब्दों का उपयुक्त प्रयोग कीजिए-
मुहावरे
"बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया।"
(क) इस वाक्य में मुहावरों की पहचान करके उन्हें रेखांकित कीजिए।
उत्तर: बाल की खाल निकालने वाले का मतलब है कि वकील बहुत छोटी-छोटी बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते थे। थैली गरम कर का मतलब है कि ज़मींदार ने वकीलों को बहुत सारा पैसा दिया।
(ख) 'बाल' शब्द से जुड़े निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।
बाल बाँका न होना - कुछ भी कष्ट या हानि न पहुँचना। पूर्ण रूप से सुरक्षित रहना।
उत्तर: वृद्धा की झोंपड़ी में आग लगने वाली थी, लेकिन बारिश की वजह से बाल बाँका न हुआ।
बाल बराबर - बहुत सूक्ष्म। बहुत महीन या पतला।
उत्तर: ज़मींदार की सोच में बाल बराबर दया थी, जो बाद में दिखाई दी। बाल बराबर फर्क होना - ज़रा-सा भी भेद होना। सूक्ष्मतम अंतर होना।
उत्तर: वृद्धा और ज़मींदार की सोच में बाल बराबर फर्क था, लेकिन दोनों का दुख एक जैसा था। बाल-बाल बचना- कोई विपत्ति आने या हानि पहुँचने में बहुत थोड़ी कमी रह जाना।
उत्तर: ज़मींदार की गलती से वृद्धा को झोंपड़ी खोने से बाल-बाल बचा।
काल
नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाऊँगी। इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पकाई। इस झोंपड़ी में से एक टोकरी भर मिट्टी लेकर उसी का चूल्हा बनाकर रोटी पका रही हूँ। यहाँ रेखांकित शब्दों से पता चल रहा है कि कार्य होने का समय या काल क्या है। क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कोई कार्य कब हुआ, हो रहा है या होने वाला है, उसे काल कहते हैं।
काल के तीन भेद होते हैं-
1 भूतकाल - यह बताता है कि कार्य पहले ही हो चुका है।
2 वर्तमान काल - यह बताता है कि कार्य अभी हो रहा है या सामान्य रूप से होता रहता है।
3 भविष्य काल - यह बताता है कि कार्य आने वाले समय या भविष्य में होगा। नीचे दिए गए वाक्यों को वर्तमान और भविष्य काल में बदलिए-
(क) वह गिड़गिड़ाकर बोली। उत्तर: वर्तमान काल: वह गिड़गिड़ाकर बोल रही है। भविष्य काल: वह गिड़गिड़ाकर बोलेगी।
(ख) श्रीमान् ने आज्ञा दे दी। उत्तर: वर्तमान काल: श्रीमान् आज्ञा दे रहे हैं। भविष्य काल: श्रीमान् आज्ञा देंगे।
(ग) उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। उत्तर: वर्तमान काल: उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही है। भविष्य काल: उसकी आँखों से आँसू की धारा बहेगी।
(घ) ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई। उत्तर: वर्तमान काल: ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हो रही है। भविष्य काल: ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा होगी।
(ङ) उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी। उत्तर: वर्तमान काल: वे वृद्धा से क्षमा माँग रहे हैं और उसकी झोंपड़ी वापस दे रहे हैं। भविष्य काल: वे वृद्धा से क्षमा माँगेंगे और उसकी झोंपड़ी वापस देंगे



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