8.2.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय 2 दो गौरैया Class -8, NCERT Hindi Malhaar Chapter 2 Do Goraiya

 8.2.2 कक्षा- 8,  एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' 

अध्याय- 2,  दो गौरैया

Class- 8, NCERT Hindi Malhaar  

Chapter- 2,  Do Goraiya

                            --- शब्दार्थ --- 


🔶 (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सामने (★) का चिह्न लगाइए।


(1) पिताजी ने कहा कि घर सराय बना हुआ है क्योंकि—

✅ ✓ घर में विभिन्न तरह के जीव-जंतु रहते हैं

(यह लेखक द्वारा घर की बनावट और उसमें आने-जाने वाले जीवों का चित्रण करते हुए कहा गया है।)

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(2) लेखक को इस कहानी का 'कथानक' कब मिला?

✅ ✓ जीव-जंतुओं को जो उस घर में रहते थे

(कहानी उन्हीं अनुभवों पर आधारित है जो लेखक ने अपने घर में गौरैयों व अन्य जीवों को देखकर अर्जित किए।)

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(3) गौरैया के प्रति माँ और पिताजी की प्रतिक्रियाएँ कैसी थीं?

✅ ✓ पिताजी ने उन्हें भगाने की कोशिश की लेकिन माँ ने मना किया

(माँ ने उन्हें बाहर निकालने से मना किया क्योंकि अंडे दिए जाने की आशंका थी।)

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(4) बार-बार गौरैया की बातों पर मुस्कुराती और मज़ाक करती थी।   इससे क्या पता चलता है?

✓  मां चाहती  थीं कि  गौरैयाघर से भागी न जाए।

✅ ✓ माँ को पिताजी के प्रयत्न व्यर्थ लगते थे।


(5) कहानी में गोरियों के बार-बार लौटने को जीवन के किस पहलू से जोड़ा जा सकता है? 

✓ अपने प्रयास को निरंतर जारी रखना

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📘 मिलकर करें मिलान 

🔶 पाठ में से चुने गए कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक वाक्य के सामने दो-दो अर्थ दिए गए हैं। उपयुक्त अर्थ पर ✔ चिह्न लगाइए।

क्रम -    वाक्य    -     सही अर्थ (✔)


1. वह शोर मचता है कि कानों के परदे फट जाएँ, पर लोग कहते हैं कि वह चिड़िया गा रही है।

✔ पक्षियों का शोर बहुत तेज़ होता है, लेकिन लोग उसे संगीत की तरह सुनते हैं।


2. आँगन में आम का पेड़ है। तरह-तरह के पक्षी उस पर डेरा डाले रहते हैं।

✔ आम के पेड़ पर अलग-अलग पक्षी रहते हैं और वह समय बिताने का स्थान बन गया है।


3. वह धमा चौकड़ी मचती हहै कि हम लोग ठीक तरह से सो भी नहीं पाते।

✔ चूहा की  भागदौड़ और शोर  इतना होता है कि घर के लोग  चैन से  सो नहीं पाते।


4. वह समझते हैं कि माँ उनका मज़ाक उड़ा रही हैं।

 ✔ पिताजी को ऐसा भ्रम होने लगता है कि माँ उनकी

 चेष्टाओं का उपहास कर रही हैं।  


5. पिताजी ने लाठी दीवार के साथ टिकाकर रख दी और छाती फैलाए कुर्सी पर आ बैठे।

✔ पिनेलाठी ने लाठी एक और रख दी और गर्व से विजय मुद्रा में  बैठ गए।


6. इतनी में रात पड़ गई।

✔ कहानी की घटनाओं के चलते धीरे-धीरे रात हो गई और अंधेरा छा गया।


7. जब हम लोग नीचे उतर   कर आए तो वे फिर से मौजूद थीं और मज़े से बैठी मल्हार गा रही थीं।

✔ गौरैया फिर से लौट आई थी और शांति व प्रसन्न भाव से चहचहा रही थी जैसे कोई राग गा रही हो। 

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 पंक्तियों पर चर्चा  

(क) “अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं। अब तो इन्होंने यहाँ घोंसला बना लिया है।”

अर्थ:

इस पंक्ति में बताया गया है कि दो गौरैया अब उस स्थान को अपना घर मान चुकी हैं। पहले यदि उन्हें वहां से हटा दिया जाता तो वे चली जातीं, लेकिन अब उन्होंने वहाँ घोंसला बनाकर उसे अपना घर बना लिया है। यह बात दर्शाती है कि किसी स्थान से जुड़ाव और अपनत्व हो जाने के बाद वहाँ से हटना कठिन होता है। 

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(ख) “एक दिन अंदर नहीं घुस पाएँगी, तो घर छोड़ देंगी।”

अर्थ:

यह पंक्ति उन लोगों की सोच को दर्शाती है जो यह मानते हैं कि यदि गौरैया को एक दिन घर में प्रवेश न करने दिया जाए, तो वे खुद ही वहाँ से चली जाएंगी। इसका आशय यह भी हो सकता है कि जब किसी को निरंतर उपेक्षित किया जाता है या अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो वे स्थान छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।

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(ग) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए।”

अर्थ:

यह पंक्ति बहुत मार्मिक है और यह दर्शाती है कि किसी को यदि स्थायी रूप से किसी स्थान से हटाना हो, तो सबसे पहले उसके घर को नष्ट कर दिया जाए। यह दर्शाता है कि 'घर' किसी भी जीव के जीवन का मूल आधार होता है, और यदि वह न रहे, तो अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। यह पंक्ति मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ पशु-पक्षियों के अधिकारों पर भी सवाल उठाती है।



सोच-विचार के लिए

(क) प्रश्न:  आपको कहानी का कौन-सा पात्र सबसे अच्छा लगा — घर पर रहने आई गौरैयाँ, माँ, पिताजी, लेखक या कोई अन्य प्राणी? आपको उसकी कौन-कौन सी बातें अच्छी लगीं और क्यों?

उत्तर (मेरी समझ से):

मुझे कहानी में सबसे अच्छा पात्र माँ लगीं। उनकी सहानुभूति, ममता और पक्षियों के प्रति प्रेम बहुत प्रभावशाली लगे। उन्होंने गौरैयों के घोंसले की चिंता की, उन्हें दाना-पानी दिया और उनके लौटने की प्रतीक्षा की।

(ख) प्रश्न: लेखक के घर में चिड़िया ने अपना घोंसला कहाँ बनाया? उसने घोंसला वहीं क्यों बनाया होगा?

उत्तर (मेरी समझ से):

चिड़िया ने अपना घोंसला पंखे के ऊपर बनाया था। शायद वह स्थान सुरक्षित, ऊँचा और गर्म रहा होगा, जहाँ से उसे कोई खतरा नहीं लगता था।

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(ग) प्रश्न: क्या आपको लगता है कि पशु-पक्षी भी मनुष्यों के समान परिवार और घर का महत्व समझते हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कहानी से उदाहरण दीजिए।

उत्तर (मेरी समझ से):

हाँ, मुझे लगता है कि पशु-पक्षी भी परिवार और घर का महत्व समझते हैं। कहानी में गौरैया बार-बार पुराने घर में आती हैं, जहाँ उन्होंने घोंसला बनाया था। वे वहाँ का गाना, चहकना और यादें नहीं भूलीं — यह दर्शाता है कि उनका भी घर से भावनात्मक जुड़ाव है।

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(घ) प्रश्न: "अब मैं हार मानने वाला आदमी नहीं हूँ" — इस कथन से पिताजी के स्वभाव के कौन-से गुण उभरकर आते हैं?

उत्तर (मेरी समझ से):

इस कथन से पिताजी के साहसी, दृढ़निश्चयी और आत्मविश्वासी स्वभाव का पता चलता है। वे विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते और प्रयास करते रहते हैं। 

(ङ) प्रश्न: कहानी में गौरैयों के व्यवहार में कब और कैसा बदलाव आया? यह बदलाव क्यों आया?

(संकेत — कहानी में खोजिए कि उन्होंने गाना कब बंद कर दिया?)

उत्तर (मेरी समझ से):

गौरैयों ने गाना तब बंद कर दिया जब घर में परिवर्तन हुआ और शायद उन्हें खतरे का आभास हुआ। उनके व्यवहार में चिंता और सतर्कता देखने को मिली, क्योंकि उन्हें अपने पुराने घोंसले की सुरक्षा की चिंता सताने लगी थी।

(च) प्रश्न: कहानी में गौरैयों ने किन-किन स्थानों से घर में प्रवेश किया? सूची बनाइए।

उत्तर (मेरी समझ से):

गौरैयों ने घर में इन स्थानों से प्रवेश किया:

1. खिड़की

2. रोशनदान

3. दरवाज़ा 

4. बालकनी

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(छ) प्रश्न: इस कहानी को कौन सुना रहा है? आपको यह बात कैसे पता चली?

उत्तर (मेरी समझ से): 

यह कहानी लेखक स्वयं सुना रहा है। यह बात इसलिए स्पष्ट होती है क्योंकि कहानी "मैं" के रूप में लिखी गई है और लेखक ने अपने अनुभवों का वर्णन किया है।

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(ज) प्रश्न:  माँ बार-बार क्यों कह रही होंगी कि गौरैयों घर छोड़कर नहीं जाएँगी?

उत्तर (मेरी समझ से):

माँ को यह विश्वास था कि गौरैया घर की पहचान रखती हैं और भावनात्मक रूप से जुड़ी हैं। माँ का पक्षियों के प्रति प्रेम और विश्वास उन्हें यह कहने को प्रेरित करता था कि गौरैयाँ वापस जरूर आएँगी।   


अनुमान और कल्पना से  

(क) कल्पना कीजिए कि आप उस घर में रहते हैं जहाँ चिड़ियाँ अपना घर बना रही हैं। अपने घर में उन्हें देखकर आप क्या करते?

उत्तर: 

यदि मेरे घर में चिड़ियाँ अपना घोंसला बना रही हों, तो मैं उन्हें न तो डराऊँगा और न ही उनके घोंसले को हटाऊँगा। मैं उन्हें ध्यान से देखूँगा, उनकी गतिविधियों को समझने का प्रयास करूँगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि उन्हें कोई खतरा न हो। उनका घर बनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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(ख)  मान लीजिए कि कहानी में चिड़िया नहीं, बल्कि नीचे दिए गए प्राणियों में से कोई एक प्राणी घर में घुस गया हो। ऐसे में घर के लोगों का व्यवहार कैसा होगा? क्यों?

(चूहा, कुत्ता, मच्छर, बिल्ली, कबूतर, कांखजोंच, तितली, मक्खी)

उत्तर:

यदि चिड़ियों की जगह कोई अवांछित प्राणी जैसे चूहा, मच्छर या मक्खी घर में घुस जाए, तो परिवार के लोग घबरा सकते हैं और उन्हें भगाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि ये प्राणी गंदगी फैलाते हैं और असुविधा उत्पन्न करते हैं। वहीं, यदि तितली या कबूतर जैसे शांत प्राणी हों, तो लोग उन्हें कुछ देर देखेंगे, लेकिन उन्हें हटाने की जल्दी नहीं करेंगे। इस प्रकार प्राणियों की प्रकृति के अनुसार मानव व्यवहार में परिवर्तन आता है।

(ग) "मैं अवाक् उनकी ओर देखता रहा।" लेखक को विस्मय या हैरानी किसे देखकर हुई? उसे विस्मय क्यों हुआ होगा?

उत्तर:  लेखक को यह देखकर विस्मय हुआ कि चिड़ियाँ इतनी निर्भीक होकर घर के भीतर उड़ रही थीं और उन्होंने वहाँ घोंसला बना लिया था। लेखक को यह अनुभव अनोखा और मार्मिक लगा होगा, क्योंकि प्रायः पक्षी इंसानों से डरते हैं, लेकिन यहाँ वे सहज थीं।

(घ) "माँ मदद तो करती नहीं थीं, बैठी हँसती जा रही थीं।" माँ ने गौरैयों को निकालने में पिताजी की सहायता क्यों नहीं की होगी? 

उत्तर: माँ को चिड़ियों का घर में उड़ना और पिताजी का उन्हें भगाने का प्रयास मनोरंजक लग रहा था। उन्हें यह दृश्य हास्यास्पद और रोचक लगा होगा, इसलिए वे मदद करने की बजाय मुस्कराकर देखती रहीं। संभव है माँ पक्षियों को भी कष्ट नहीं देना चाहती हों।

(ङ)  “एक चूहा अँगूठी के पीछे बैठना पसंद करता है। शायद बुढ़ा है, उसे सर्दी लगती है।”

आप भी किसी एक अपरिचित व्यक्ति या प्राणी के व्यवहार को देखकर अनुमान लगाइए कि वह क्या सोच रहा होगा, क्या करता होगा या वह कैसा व्यक्ति है।

उत्तर:  मैंने एक वृद्ध व्यक्ति को पार्क में अकेले बैठे देखा। वह दूर आसमान को निहार रहा था, और उसके पास कोई नहीं था। उसके व्यवहार से अनुमान लगाया कि वह सोच में डूबा हुआ है, शायद अपने पुराने दिनों की याद कर रहा है। उसका शांत और स्थिर भाव बता रहा था कि वह एक विचारशील, अनुभवशील और अकेलेपन से घिरा हुआ व्यक्ति है।

(च)  "पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय हुआ है।" सराय और घर में कौन-कौन से अंतर होते हैं?

उत्तर:  सराय एक अस्थायी ठहराव की जगह होती है जहाँ लोग आते-जाते रहते हैं, भावनात्मक जुड़ाव नहीं होता। जबकि घर वह स्थान होता है जहाँ अपनापन, संबंध, सुरक्षा और स्थायित्व होता है। पिताजी ने घर को ‘सराय’ इसलिए कहा क्योंकि उसमें स्थायित्व नहीं बचा था — शायद सब अपने-अपने में व्यस्त हो गए थे और घर, घर जैसा नहीं रहा।


 कहने के ढंग क्रिया विशेषण (Adverbs)   

(क) पिताजी ने झिड़ककर कहा, “तू खड़ा क्या देख रहा है?”

➡️ इस वाक्य में "झिड़ककर" एक क्रिया विशेषण है, जो यह बताता है कि पिताजी ने कैसे कहा। 

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(ख) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो”, माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा।

➡️ यहाँ "गंभीरता से" क्रिया विशेषण है, जो यह स्पष्ट करता है कि माँ ने कैसे कहा। 

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(ग) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए”, उन्होंने गुस्से में कहा।

➡️ "गुस्से में" यह दर्शाता है कि उन्होंने किस भाव से कहा — यह भी क्रिया विशेषण है। 

अतिरिक्त वाक्य (संक़ेत अनुसार):

1. धीरे से – बच्चा धीरे से कमरे में घुसा ताकि कोई उसे देख न सके।

2. ज़ोर से – राम ने ज़ोर से दरवाज़ा खटखटाया।

3. अटकते हुए – वह अटकते हुए कविता सुनाने लगा।

4. चिल्लाकर – उसने चिल्लाकर कहा, “मुझे अकेला छोड़ दो!”

5. शरमाकर – लड़की शरमाकर मुस्कराने लगी।

6. सहमकर – बच्चा अंधेरे कमरे में सहमकर खड़ा रहा।

7. फुसफुसाते हुए – वे दोनों फुसफुसाते हुए बातें कर रहे थे।

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क्रिया विशेषण   

क्रिया विशेषण की परिभाषा:

क्रिया विशेषण वह शब्द होता है जो क्रिया, विशेषण या किसी अन्य क्रिया विशेषण की विशेषता बताता है।

यह कैसे, कब, कहाँ, कितना, क्यों आदि प्रश्नों का उत्तर देता है। 

✍️ सरल शब्दों में:

जो शब्द यह बताए कि कार्य किस प्रकार, किस समय, कितनी मात्रा या किस कारण से हुआ — वह क्रिया विशेषण कहलाता है।

📌 उदाहरण:

1. राम तेज़ी से दौड़ता है।

→ ‘तेज़ी से’ बताता है कि कैसे दौड़ता है — यह क्रिया विशेषण है।

2. वह कल आया था।

→ ‘कल’ बताता है कि कब आया — यह क्रिया विशेषण है।

3. उसने बहुत अच्छा गाया।

→ ‘बहुत’ बताता है कि कितना अच्छा — यह क्रिया विशेषण है।

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