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Showing posts from January, 2024

8.12 पानी की कहानी Paani ki Kahani

12. पानी की कहानी Paani ki Kahani   लक्षित अधिगम बिंदु (TLO)  1. समुद्र के विषय में जानेंगे।  2. हमें पानी की बचत करने की प्रेरणा  प्राप्त होगी।  3. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन  के    विषय में जानकारी प्राप्त होगी।  1.  लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली? उत्तर: लेखक को बेर की झाड़ी पर ओस की बूँद मिली। 2. ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी? उत्तर: पेड़ों की जड़ों में निकले रोएँ द्वारा जल की बूँदों को बलपूर्वक धरती के भूगर्भ से खींच लाना व उनको खा जाना याद करते ही बूँद क्रोध व घृणा से काँप उठी। 3 हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज/पुरखा क्यों कहा? Solution: जब ब्रह्मांड में पृथ्वी व उसके साथी ग्रहों का उद्भव भी नहीं हुआ था तब ब्रह्मांड में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन दो गैसें सूर्यमंडल में लपटों के रूप में विद्यमान थीं। ऑक्सीजन व हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया हुई। दोनों के संयोग से पानी का जन्म हुआ। इसलिए बूँद ने इन दोनों को अपना पूर्वज कहा है।  4. “पानी की कहानी” के आधार पर पानी के जन्म और जीवन-यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। उत्तर:  पानी का जन्म (ह्द्रजन) हाइड्रोजन व (ओषजन) ऑक्सीजन

8.11 सूरदास के पद Surdaas Ke Pad

सूरदास के पद Surdaas Ke Pad लक्षित अधिगम बिंदु (TLO)  1. श्री कृष्ण जी के बाल स्वरूप की लीलाओं के विषय में जानेंगे।  2. सूरदास जीके के जीवन एवं उनकी रचनाओं के विषय में जानेंगे।  3. श्री कृष्ण के जीवन के विषय में जानेंगे।  प्रश्न अभ्यास 1. बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए? उत्तर:   माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को बताया की दूध पीने से उनकी चोटी बलराम भैया की तरह हो जाएगी। श्रीकृष्ण अपनी चोटी बलराम जी की चोटी की तरह मोटी और बड़ी करना चाहते थे इस लोभ के कारण वे दूध पीने के लिए तैयार हुए।  2. श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे? उत्तर:  श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी बलराम भैया की तरह लम्बी, मोटी हो जाएगी फिर वह नागिन जैसे लहराएगी। 3. दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं? उत्तर:  दूध की तुलना में श्रीकृष्ण को माखन-रोटी अधिक पसंद करते हैं।  4. ‘तैं ही पूत अनोखी जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं? उत्तर:  ‘तैं ही पूत अनोखी जायौ’ – पंक्तियों में ग्वालन के मन में यशोदा

छात्र-प्रतिज्ञा Student's Pledge

  छात्र-प्रतिज्ञा   Student's Pledge    "भारत हमारा देश है!  हम सब भारतवासी भाई- बहन है!  हमें अपना देश प्राण से भी प्यारा है!  इसकी समृद्धि और विविध संस्कृति पर हमें गर्व है!  हम इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न सदा करते रहेंगे!  हम अपने माता पिता, शिक्षकों और गुरुजनों का सदा आदर करेंगे और  सबके साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे!  हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा करते हैं!  उनके कल्याण और समृद्धि में ही हमारा सुख निहित है !  -जय हिन्द" ------------------------------------------------------------  भारतं अस्माकं देशः।  वयं सर्वे भारतीया: परस्परं भ्रातरो भगिन्यश्च ।  अस्माकं देशः प्राणेभ्योsपि प्रियतर: ।  अस्य समृद्धौ विविध-संस्कृतौ च वयं गौरवम् अनुभवाम:।  वयं अस्य सुयोग्याः अधिकारिणो भवितुं सदा प्रयत्नं करिष्याम:। वयं स्वमातापित्रो: शिक्षकाणां गुरुजनानां च सदैव सम्मानं करिष्याम:।  सर्वैः च सह शिष्टतया व्यवहारं करिष्याम:।  वयं स्वदेशं देशवासिनश्च प्रति विश्वासभाज: भवेम।  (वयं स्वदेशं देशवासिनश्च प्रति कृतज्ञतया वर्तितुं प्रतिज्ञां कुर्म:।)  तेषां