2 वर्ण व्यवस्था – वर्ण, मात्रा, अक्षर varn vyavastha- varn, maatra, akshar

 

व्याकरण के हिन्दी भाषा और अनुप्रयुक्त व्याकरण

खंड - क

2 वर्ण व्यवस्था – वर्ण, मात्रा, अक्षर

वर्ण-विचार - बोलते समय हम जिन ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। वही ध्वनियाँ वर्ण या अक्षर कहलाती हैं। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इस प्रकार- वर्ण उस ध्वनि को कहते हैं जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते।

लिखित भाषा में प्रयुक्त किए जाने वाले वर्ण प्रत्येक भाषा में अलग-अलग होते हैं। हिंदी भाषा में इन वर्गों की कुल संख्या चवालीस (44) है।

वर्णमाला वर्णों की माला यानी वर्णमाला। वर्णों के व्यवस्थित रूप को वर्णमाला कहते हैं।

हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं।

वर्ण के दो भेद हैं

स्वर वर्ण जिस वर्ण के उच्चारण में किसी अन्य वर्ण की सहायता न लेनी पड़े उसे स्वर वर्ण कहते हैं।

स्वर के तीन भेद होते हैं- ह्रस्व, स्वर  दीर्घ स्वर, प्लुत स्वर

ह्रस्व स्वर इनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता है। ये चार हैं - अ, , ,

दीर्घ स्वर - इनके उच्चारण में ह्रस्व स्वरों के उच्चारण से दुगुना समय लगता है। ये सात हैं - आ, , , , , ,

प्लुत स्वर इनके उच्चारण में ह्रस्व और दीर्घ स्वरों के उच्चारण से तिगुना समय लगता हैं जैसे - ओऽम्। प्लुत स्वर एक ही है।

अनुस्वार अं- (ां) वर्ण भी स्वरों के बाद ही आता है। इसका उच्चारण नाक से किया जाता है। इसका उच्चारण जिस वर्ण के बाद होता है, उसी वर्ण के सिर पर (ां) बिंदी के रूप में इसे लगाया जाता है; जैसे-रंग, जंगल, संग, तिरंगा आदि।

अनुनासिक इसका उच्चारण नाक और गले दोनों से होता है; जैसेचाँद, आँगन, आदि इसका चिह्न (ँ) होता है।

अयोगवाह हिंदी व्याकरण में अनुस्वार (अं) एवं विसर्ग (अ:) को अयोगवाहके रूप में जाना जाता है।

व्यंजन वर्ण के तीन भेद होते हैं।

व्यंजन जिन वर्णो का उच्चारण स्वरों की सहायता से किया जाता है, वे व्यंजन कहलाते हैं।

                                                 क वर्ग

                                                च वर्ग

                                                  ड़          ढ़          ट वर्ग

                                                  त वर्ग

                                                 प वर्ग

                                                    अंत:स्थ

                                                    ऊष्म

व्यंजन   - 1. स्पर्श व्यंजन       2. अंतस्थ व्यंजन               3. ऊष्म व्यंजन

          स्पर्श व्यंजन 25      अंतस्थ व्यंजन 4      ऊष्म व्यंजन 4

1. स्पर्श व्यंजन – ‘स्पर्शयानी छूना। जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत या ओठों का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। क् से लेकर म् तक 25 स्पर्श व्यंजन हैं। क वर्ग का उच्चारण स्थल कंठ है। त वर्ग का उच्चारण स्थल दाँत है।

2. अंतस्थ व्यंजन अंत = मध्य या (बीच, स्थ = स्थित) इन व्यंजनों का उच्चारण स्वर तथा व्यंजन के मध्य का-सा होता है। (उच्चारण के समय जिह्वा मुख के किसी भाग को स्पर्श नहीं करती) ये चार हैं, , , व।

3. ऊष्म व्यंजन ऊष्म-गरम। इन व्यंजनों के उच्चारण के समय वायु मुख से रगड़ खाकर ऊष्मा पैदा करती है यानी उच्चारण के समय मुख से गरम हवा निकलती है। ये चार हैं-श, , , ह।

स्वरों की मात्राएँ-

प्रत्येक स्वरों के लिए निर्धारित चिह्न मात्राएँ कहलाती हैं। स्वर के अतिरिक्त सभी स्वरों के मात्रा चिह्न होते हैं। स्वरों के चिह्न मात्रा के रूप में व्यंजन वर्ण से जुड़ते हैं।

जैसे-

विसर्ग (:) इस ध्वनि को चिह्न (:) है। इसका उच्चारण की भाँति किया जाता है। विसर्ग का प्रयोग तत्सम शब्दों (संस्कृत से आए) में ही किया जाता है; जैसे-अतः, प्रातः, अंततः आदि।

आगत ध्वनि ऑ यानी अर्धचंद्र, अंग्रेजी भाषा के शब्दों को लिखते समय प्रयोग किया जाता है; जैसे डॉक्टर, कॉफ़ी, टॉफ़ी, बॉल आदि।

संयुक्त वर्ण वर्गों का मेल वर्ण संयोग कहलाता है। इन वर्षों के अलावा हिंदी भाषा में कुछ संयुक्त वर्गों का भी प्रयोग किया जाता है। ये वर्ण हैं - क्ष, त्र, ज्ञ, श्र।।

जैसे-

क् + ष = क्ष भिक्षा, क्षमा

त् + र = त्र त्रिशूल, त्रिभुज

श् + र = श्र श्रमिक, विश्राम

ज् + अ = ज्ञ संज्ञा, विज्ञान

वर्ण-विच्छेद की परिभाषा और उदाहरण

वर्ण-विच्छेद की परिभाषा-

वर्ण-विच्छेद यानी वर्णों को अलग-अलग करना। किसी शब्द (वर्णों के सार्थक समूह) को अलग-अलग लिखने की प्रक्रिया को वर्ण-विच्छेद कहते हैं।

जैसे- तुलसी =त्+ उ+ल्+ अ+ स्+ ई , किनारा= क्+इ+न्+आ+र्+आ आदि ।

सबसे पहले यह जान लेना आवश्यक है कि वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?

वर्ण दो तरह के होते हैं

1) स्वर

2) व्यञ्जन

इसका अर्थ यह हुआ कि वर्ण-विच्छेद में हमें शब्दों को जो की वर्णों का समूह हैं, अलग-अलग करना है।

दूसरे शब्दों में स्वर या व्यञ्जन को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद है। इसके लिए हमें स्वरों की मात्राओं (स्वर चिह्न) की जानकारी होना बहुत आवश्यक हो जाता है। स्वरों की मात्राएँ इस प्रकार हैं

वर्ण-विच्छेद करते समय हमें स्वरों की मात्राओं को पहचानना पड़ता है और उस मात्रा के स्थान पर उस स्वर (अ, , , ई आदि) को प्रयोग में लाया जाता है जिसकी वह मात्रा होती है।

उदाहरण निधि शब्द का मात्रा विच्छेद होगा न् + ि + ध् + ि

निधि शब्द का वर्ण विच्छेद होगा न् + इ + ध् + इ

कुमार शब्द का मात्रा विच्छेद करने पर क् + ु + म् + ा + र् + अ प्राप्त होता है और जब इसी शब्द का वर्ण-विच्छेद किया जाए तो क् + उ + म् + आ + र् + अ प्राप्त होता है।

स्वर       मात्रा (स्वर चिह्न)           उदाहरण

          इसकी कोई मात्रा नहीं होती।         अनार , अजगर , अचकन , गरम

                  आम , काम , नाम , कार , नाक

          ि         इमली , किला , किशमिश , किसान, किताब

                   लकड़ी , बकरी, लड़की, पीता

                    पुल, सुन, झुमका, तुम, चुहिया

                   फूल , मूली , फूलदान , सूरज , दूध

                   ऋषि , अमृत , पृथ्वी , मृग , वृत्त

                    देश , केला , शेर , तबेला , पेड़ , ठेला

                    पैसा , वैसा , पैदल , तैयार , मैदान

                  लोटा , मोटा , छोटा , टोपी , गोल , मोर

                  मौत , मौजूद , मौसम , मौन , दौलत

वर्ण-विच्छेद की महत्वपूर्ण बातें

वर्ण विच्छेद की कुछ महत्वपूर्ण बातें नीचे दी गई है:

1. हलंत चिह्न की व्यवस्था

हमारी वर्णमाला के सभी व्यंजन वर्णों में स्वर मिला रहता है। अत: स्वर के लिए अलग से मात्रा-चिह्न नहीं बनाया गया है। हाँ,जब भी किसी व्यंजन को स्वर रहित दिखाना होता है तो उसके नीचे हलंतका चिह्न लगाया जाता है ।

जैसे- म= म् +अ ,

क=क्+अ,

ल=ल्+अ आदि।  अत: वर्ण-विच्छेद करते समय प्रत्येक व्यंजन वर्ण के नीचे हलन्तअवश्य लगाएं।

वर्ण विच्छेद करते समय शब्द में आने वाले मात्रा चिह्न के स्थान पर स्वतंत्र स्वर वर्ण लिखें । जैसे-धानीशब्द का वर्ण- विच्छेद ध्+आ+न+ईहोगा न कि ध्+ा+न+ी।

2. संयुक्त व्यंजनों का वर्ण विच्छेद (वर्ण-विच्छेद)-

आप जानते ही हैं कि संयुक्त व्यंजनों में पहला वर्ण अधूरा होता है, जैसे प्प’, ‘च्चआदि। परंतु वर्ण-विच्छेद करते समय इन अधूरे वर्णों को पूरे रूप में हो लिखे;

जैसे-क्य=क्+य्+अ’, फ्त=फ्+ त्+ अ, न्न =न्+ न्+अ आदि।

3. र-व्यंजन के संयुक्त रूपों का वर्ण विच्छेद-

आप जानते हैं कि र + व्यंजनको मिलाकर लिखे जाने के लिए तीन वर्ण हैं- र् [र्]तथा [/] । परंतु वर्ण- विच्छेद करते समय र्के सभी चिह्नों के स्थान पर केवल र्वर्ण से हो लिखे: जैसे- रात= र्+आ  त् +अ, क्रम =क्+ र् +अ+ म्+अ,  प्रेम =प्+र्+ए+म+अ आदि।

4. अनुस्वार युक्त शब्दों का वर्ण- विच्छेद-

आप जानते ही हैं कि अनुस्वार के लिए बिंंदु [ ं] चिन्ह बनाया गया है। वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार के लिए अनुस्वारशब्द लिखें स्वर वर्ण के ऊपर बिंदु लगाकर न लिखें; जैसे-

हिंदी =ह्+इ+अनुस्वार+द्+ई,

गंगा =ग्+अ+अनुस्वार + ग् +आ,

संसार= स् +अ +अनुस्वार+ स् +आ+ र्+अ

संहार = स् +अ+अनुस्वार +ह्+आ +र्+ अ

5. अनुनासिक युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद

आप जानते ही हैं कि अनुनासिक एक नासिक्यीकृत स्वरहै। इसके लिए दो चिह्न बनाए गए हैं-बिंदु [ं] तथा चद्रबिंदु  [ॅ]

अनुनासिक युक्त शब्दों के वर्ण-विच्छेद के समय अनुनासिक स्वरों को यथावत रूप में चंद्रबिंदु तथा बिंदु लगाकर लिखें, जैसे-

आँधी = आँ+ ध्+ई

ऊँचा= ऊँ + च् + आ

भाँग=भ् +आँ+ग् + अ

पूँछ = प् + ऊँ + छ् + अ

सींच =स् + ईं + च् + अ

सेंध = स् +एँ+ध् +अ

6. संयुक्त व्यंजन क्ष’, ‘त्र’,’ज्ञतथा श्रयुक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद-

आपको क्ष’,’त्र’, ‘ज्ञतथा श्रसंयुक्त व्यंजनों के बारे में बताया जा चुका है कि इनकी रचना निम्नलिखित विवरण के अनुसार हुई है-

क्ष = क् + ष, त्र= त् + र,  ज्ञ=ज् + ञ तथा श्र् + श्+ र ।

अन्य व्यंजनों की तरह इनके वर्णों में भी एक स्वर मिला हुआ है, अतः इनका वर्ण-विच्छेद उन्हीं वर्गों में किया जाएगा जिन वर्णों से इनकी रचना हुई है;

जैसे- रक्षा=र्+ अ + क् + ष् + आ

भिक्षा=भ् + इ + क्+ ष् + आ

यात्रा=य् + आ + त् + र् + आ

मित्र=म् + इ + त् + र् + अ

आज्ञा=आ + ज् + ञ् + आ

प्रतिज्ञा= प् + र् + अ + त् + इ + ज् + ञ् + आ

श्रम =श् + र् + अ + म् + अ

श्रीमान = श् + र् + ई + म् + आ + न + अ

7. विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद-

विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार की तरह विसर्ग को भी विसर्गशब्द से ही लिखें; जैसे-

स्वत: =स् + व् + अ + त् + अ + विसर्ग

प्रातः = प् + र् + आ + त् + विसर्ग

मतिः=म् + अ + त् + इ + विसर्ग

साधुः=स् + आ + ध्+उ+विसर्ग

वर्ण विच्छेद से संबंधित महत्वपूर्ण बातें-

लिखित भाषा में शब्दों की रचना वर्णोंसे होती है। अतः शब्दों की रचना जानने के लिए उन वर्णों को जिनसे मिलकर शब्द बने हैं, अलग-अलग करके दिखाया जाता है। शब्द के वर्णों को अलग-अलग करके दिखाना ही वर्ण-विच्छेद कहलाता है।

वर्ण-विच्छेद के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि शब्द की रचना किन-किन वर्णों से हुई हैं।

वर्ण-विच्छेद के लिए शब्दों का सही उच्चारण ध्यान से सुनना चाहिए और फिर स्वयं उच्चारण करना चाहिए। हिन्दी के वर्ण-विच्छेद के लिए वर्तनी के नियमों की जानकारी भी ज़रूरी है।

हमारे यहाँ दो तरह के स्वर-वर्ण हैं-स्वतंत्र रूप से स्वर को लिखने हेतु- अ, , , , , ऊ आदि तथा व्यंजनों के साथ मिलाकर लिखे जाने के लिए ॊ,  आदि का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें मात्राकहते हैं। वर्ण-विच्छेद करते समय स्वर ध्वनियों को स्वतंत्र स्वर वर्णों के रूप में ही लिखा जाता है।

अनुस्वार तथा विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद करते समय इन दोनों व्यंजन ध्वनियों के लिए अनुस्वार और विसर्ग ही लिखना चाहिए न कि अंया अः।

अनुनासिक युक्त शब्दों के वर्ण-विच्छेद के समय अनुनासिक स्वरों को उनके चिह्नों (बिंदु) या चंद्रबिंदु के साथ ही लिखा जाता है ।

वर्ण विच्छेद अन्य उदाहरण

चकाचौंध = च् + अ + क् + आ + च् + औ + अ + ध् + अ

आविष्कार = आ + व् + इ + ष् + क् + आ + र् + अ

सूर्यास्त = स् + ऊ + र् + य् + आ + स् + त् + अ

परिस्थिति = प् + अ + र् + इ + स् + थ् + इ + त् + इ

श्रेणियाँ = श् + र् + ए + ण् + इ + य् + आँ

द्रवित = द् + र् + अ + व् + इ + त

कृतज्ञता = क् + ऋ + त् + अ + ज् + ञ् + अ + त् + आ

सुरक्षित = स् + उ + र् + अ + क् + ष् + इ + त् + अ

मार्मिक = म् + आ + र् + म् + इ + क् + अ

सृजित = स् + ऋ + ज् + इ + त् + अ

वर्ण विच्छेद उदाहरण

1.वर्ण किसे कहते हैं?   

उत्तर-भाषा की सबसे छोटी इकाई जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते उसे वर्ण कहते हैंl जैसे: न, , प आदि l

2. वर्णमाला किसे कहते हैं ?  

उत्तर-वर्णों के सार्थक समूह को वर्णमाला कहते हैं l

3.स्वरों की संख्या कितनी होती है?

उत्तर-  11

4.स्वर कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर- स्वर के तीन प्रकार होते हैं

क) ह्रस्व स्वर

ख) दीर्घ स्वर

ग) प्लुत स्वर

5. हिंदी वर्णमाला में वर्णों की कुल संख्या कितनी होती है?

उत्तर- 52

6. अंत:स्थ व्यंजन कौन-कौन से होते हैं?

उत्तर- य, , ,

7. व्यंजन के कितने प्रकार होते हैं ?

उत्तर-व्यंजन के पांच प्रकार होते हैं

स्पर्श व्यंजन

अंतःस्थ व्यंजन

उष्म व्यंजन

आगत व्यंजन

संयुक्त व्यंजन     

वर्णों की कुल संख्या

स्वरों की संख्या 11

आधुनिक हिंदी भाषा में अब स्वरों (vowels) की संख्या 11 है. अ, , , , , , , , , , औ.

व्यंजनों की संख्या 33

व्यंजनों (consonants)की संख्या 33 है क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ, ट ठ ड ढ ण, त थ द ध न, प फ ब भ म, य र ल व, श ष स ह ।

संयुक्त व्यंजनों की संख्या 4

संयुक्त व्यंजनों यानी combined consonants की कुल संख्या 4 है क्ष त्र ज्ञ श्र.

द्विगुण व्यंजनों की संख्या 2

द्विगुण व्यंजनों (binary consonant) की कुल संख्या दो हैं ड़ ढ़.

अनुस्वार यानि चंद्रबिंदु की संख्या 1

अनुस्वार या चंद्रबिंदु को इस प्रकार से लिखा जाता है अं (ं) या अँ (ँ).

विसर्ग की संख्या 1

विसर्ग को इस प्रकार से लिखा जाता है अः या (:).

इन सभी संख्याओं का योग 52 होता है। निम्न स्तर के कक्षाओं में चलने वाले पुस्तकों में वर्णों की संख्या 49 लिखा जाता है।

ऑनलाइन हिंदी वर्णमाला सीखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, एक सम्मानित स्रोत खोजना महत्वपूर्ण है जो चरण-दर-चरण निर्देश प्रदान करता है। दूसरे, धैर्य रखें और अपने अभ्यास के अनुरूप हों।

अक्षरों के मूल आकार से खुद को परिचित करके शुरू करें। इससे जब आप उन्हें शब्दों में देखेंगे तो उन्हें पहचानना आसान हो जाएगा।

इसके बाद, वर्णमाला के क्रम को याद करने का प्रयास करें। यह तब काम आएगा जब आप शब्दों का उच्चारण करना चाहते हैं या किसी शब्दकोष में शब्दों को देखना चाहते हैं।

एक बार जब आपके पास मूल आकार और क्रम हो जाए, तो अक्षरों को स्वयं लिखने का अभ्यास शुरू करें।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. वर्ण कहते हैं-

(i) भाषा एवं उसके रूपों को  

(ii) भाषा की सबसे छोटी ध्वनि को 

(iii) रंग को           

(iv) शब्दों को

2. स्वर कहते हैं

(i) स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्णों को

(ii) भाषा की सबसे छोटी ध्वनि को

(iii) छह वर्षों से बने शब्दों को         

(iv) इन सभी को

3. व्यंजन कहते हैं-

(i) स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्णों को  

(ii) स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्णों को

(iii) विदेशी वर्णों को                   

(iv) इनमें से कोई भी नहीं

4. संयुक्त व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं

(i) दो     (ii) तीन     (iii) चार     (iv) पाँच

5. हिंदी वर्णमाला में व्यंजन वर्गों की संख्या होती है

(i) चालीस   (ii) बयालीस    (iii) चवालीस  (iv) तैंतीस

6. हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या होती है

(i) नौ  (ii) दस  

(iii) ग्यारह  (iv) तेरह

7. य, , , व व्यंजन कहलाते हैं

(i) ऊष्म   (ii) अंतस्थ 

(iii) अनुस्वार  (iv) अनुनासिक

8. इनमें कौन-सा अयोगवाह है?

(i) क्  (ii)   (iii) अं  (iv) म्

9. इनमें से कौन-सा ऊष्म व्यंजन है?

(i)   (ii)   (iii)   (iv) म्

10. विसर्ग का उच्चारण किस प्रकार होता है?

(i) ‘की भाँति  (ii) ‘की भाँति

(iii) ‘की भाँति (iv) ‘की भाँति

उत्तर-1. (ii)   2. (i)  3. (ii) 4.  (iii)  5. (iv) 

    6. (iii)  7. (ii)  8. (iii)  9. (ii)  10. (ii)

अन्य प्रश्न-

हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं?

उत्तर हिंदी भाषा में के वर्णमाला में 11 वर्ण होते हैं.

हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन होते हैं?

उत्तर हिंदी वर्णमाला में कुल 33 व्यंजन होते हैं.

हिंदी वर्णमाला में कितने संयुक्त व्यंजन होते हैं?

उत्तर हिंदी वर्णमाला में कुल 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं.

हिंदी वर्णमाला में कितने द्विगुण व्यंजन होते हैं?

उत्तर हिंदी वर्णमाला में कुल 2 द्विगुण व्यंजन होते हैं.

हिंदी वर्णमाला की उत्पत्ति कैसे हुई?

उत्तर हिंदी वर्णमाला संस्कृत वर्णमाला से ली गई है, जो स्वयं ब्राह्मी लिपि से निकली है।

हिंदी वर्णमाला का पहला लिखित प्रमाण राष्ट्रकूट राजवंश के 8वीं शताब्दी के शिलालेखों में पाया जा सकता है। 

हिंदी वर्णमाला का उपयोग भारत में बोली जाने वाली कई भाषाओं को लिखने के लिए किया जाता है, जिनमें हिंदी, संस्कृत, उर्दू और नेपाली शामिल हैं।

हिंदी वर्णमाला में कुल कितने वर्ण होते हैं?

उत्तर हिंदी वर्णमाला में कुल वर्णों की संख्या 52 होती है। जबकि निम्न स्तर की कक्षाओं में 49 अक्षर यानी वर्ण पढ़ाया जाता है।

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