8.4.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 4, हरिद्वार (पत्र) Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 4, Haridwar
8.4.2 कक्षा- 8, एनसीईआरटी हिंदी पुस्तक 'मल्हार' अध्याय- 4, हरिद्वार (पत्र) Class- 8, NCERT Hindi Malhaar Chapter- 4, Haridwar मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं। 1. “सज्जन ऐसे कि पत्थर मारने से फल देते हैं” का क्या अर्थ है? लेखक के अनुसार सज्जन लोग बिना पूछे स्वादिष्ट रसीले फल देते हैं। लेखक फलदार वृक्षों की उदारता को मानवीय रूप में व्यक्त कर रहे हैं। (★) लेखक का मानना था कि हरिद्वार के सभी दुकानदार बहुत सज्जन थे। लेखक को पत्थर मारकर पके हुए फल तोड़कर खाना पसंद था। 2. “वैराग्य और भक्ति का उदय होता था” इस कथन से लेखक का कौन-सा भाव प्रकट होता है? शारीरिक थकान और मानसिक बेचैनी आर्थिक संतोष और मानसिक विकास मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव (★) सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक प्रेम 3. “पत्थर पर का भोजन का सुख सोने की थाल से बढ़कर था” इस वाक्य का सर्वाधिक उपयुक्त निष्कर्ष क्या है? संतुष्टि में सुख होता है। (★)...