क्रिया / KRIYA
क्रिया / KRIYA एवं क्रिया के भेद परिभाषा - वैसे शब्द या पद जिससे किसी कार्य के होने या किए जाने का बोध हो , उसे क्रिया कहते हैं। जैसे- ( i) राधा नाच रही है । ( ii) बच्चा दूध पी रहा है । ( iii) मुकेश कॉलेज जा रहा है । इनमें ‘ नाच रही है ’, ‘ पी रहा है ’, ‘ जा रहा है ’ से कार्य के करने का पता चलता है। इसलिए ये शब्द क्रिया कहलाएंगे। धातु ( Root) यदि किसी एक क्रिया के विभिन्न रुपों को देखा जाए , जैसे- करेगा , कर रहा है , करता है , कर लेगा , कर चुका होगा , करना चाहिए , करिए , करो , करवाइए इत्यादि तो इस सबमें कर ऐसा अंश है जो सभी क्रिया रूपों में समान रूप से आ रहा है । इसे ही धातु कहते हैं । धातु के भी दो भेद होते हैं- ( i) सामान्य धातु- मूल में ना प्रत्यय लगाकर बनने वाला रूप सरल धातु या सामान्य धातु कहलाता है । जैसे- सोना , रोना , पढ़ना , बैठना इत्यादि । ( ii) व्युत्पन्न धातु- सामान्य धातुओं में प्रत्यय लगाकर या अन्य किसी प्रकार से परिवर्तन कर जो धातुएं बनाई जाती हैं उन्हें व्युत्पन्न धातु कहते हैं । जैसे- सामान्य धातु व्युत्पन्न धातु पढ़ना पढ़ाना , पढ़वाना