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8.10.2 अकबरी लोटा (Akbari Lota)

8.10.2 अकबरी लोटा (Akbari Lota)  प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1:“ लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए। उत्तर-  लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज-तर्रार स्वभाव से भी अवगत थे उन्होंने सोचा कि अभी तो लोटे में पानी मिला है यदि चूँ कर दू तो कहीं बाल्टी में भोजन ना करना पड़े। प्रश्न 2. लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी? उत्तर : दो और दो जोडकर स्थिति को समझना – अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। लोटा गिरने पर गली में मचे शोर को सुनकर आँगन में एकत्र हो गई। एक अंग्रेज को भीगे हुए तथा पैर सहलाते हुए देखकर लाला समझ गए कि स्थिति गंभीर है और लोटा अंग्रेज को लगा है। इस समय उनका चुप रहना ही ठीक है। प्रश्न 3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक